जांजगीर-चांपा। करोडों रुपए के बकाया मिलिंग भुगतान एवं प्रोत्साहन राशि दिलाए जाने की मांग को लेकर राईस मिलरों ने मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने इस संबंध में डीएमओ को ज्ञापन सौपकर कस्टम मिलिंग कार्य में असमर्थता जताई है। इधर राईस मिलरों के काम करने में असमर्थता जता देने के बाद इसका असर धान खरीदी परिवहन पर पड़ सकता है।
गौरतलब है कि धान खरीदी के दौरान किए गए कस्टम मिलिंग का कार्य कराने के बाद राईस मिलरो को वर्ष 2022 एवं 23 के समय में किए गए कार्य के करोड़ों रूपए का कस्टम मिलिंग एवं प्रोत्साहन राशि का करोड़ों रूपए बकाया है, जिसके चलते राईस मिलरो की दिक्कते और भी बढ़ गई है। इस समस्या को लेकर राईस मलरों के पदाधिकारियों ने जिला मुख्यालय जांजगीर में जिला विपणन अधिकारी को अपनी समस्या के संबंध में ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन के माध्यम से राईस मिलरों ने कस्टम मिलिंग कार्य करने में अपनी असमर्थता जताई। उन्होंने बताया कि कस्टम मिलिंग कार्य करने के बाद भी मिलने वाली करोड़ो रूपए की राशि का भुगतान अब तक नही किया जा सका है। वह धान परिवहन करने के बाद मिलने वाली प्रोत्साहन राशि वर्ष 2022 एवं 23 का भुगतान अब तक नही एवं 24 में सभी चांवल जमा करने के बाद भी राशि भुगतान के लिए बनाए जाने वाले बिल को अब तक नही बनाया गया है। जिसके चलते राईस मिलरों को काफी परेशानी उठानी पड जा रही है। वर्ष 2024 एवं 25 में किए गए एग्रीमेंट में सुधार की मांग भी की गई है। इधर जांजगीर चाम्पा जिले में इन दिनों धान खरीदी कार्य बड़े पैमाने पर चल रहा है। वही दूसरी ओर राईस मिलरो के द्वारा कस्टम मिलिंग कार्य करने में असमर्थता जता देने के बाद इसका असर धान खरीदी परिवहन कार्य पर पड़ सकता है। जिसके चलते उपार्जन केन्द्रों में धान जाम होने की संभावना से इंकार भी नहीं किया जा सकता। वहीं अपनी इस समस्या को लेकर राईस मिलरो ने मोर्चा खोल दिया है।