10.44 करोड़ रुपए से होगी सिटी स्कैन मशीन की खरीदी
कोरबा। कोरबा जिले के सरकारी अस्पताल में मरीजों की जांच कर इलाज शुरू करने के लिए जरूरी महत्वपूर्ण मशीनें नहीं हैं। चिकित्सकों की ओर से जांच की रिपोर्ट मंगाई जाती है। लेकिन अस्पताल में सुविधा नहीं होने से मरीजों को सिटी स्कैन, एमआरआई सहित अन्य जांच के लिए बाहर निजी डायग्नोस्टिक सेंटर में जाना पड़ता है। इससे मरीजों को इलाज के अधिक खर्च करना पड़ता है, जो मध्यम व गरीब परिवार के लिए मुश्किल होता है। उन पर बोझ पड़ता है। अब इससे जल्द राहत मिलने की उम्मीद है।
जानकारी के अनुसार 10.44 करोड़ रुपए से सिटी स्कैन मशीन की खरीदी होगी। मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सिटी स्कैन जैसी मशीन की जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही है। यह सुविधा सरकारी अस्पताल में शुरू होने से मरीजों को काफी कम दर पर रिपोर्ट प्राप्त हो सकेगी। वर्तमान में मरीजों को जांच और रिपोर्ट के लिए निजी डायग्नोस्टिक सेंटर जाना पड़ता है। एक बार सिटी स्कैन कराने के लिए 8 हजार से 15 हजार रुपए तक खर्च करना पड़ता है। इस स्थिति में मरीजों को बिलासपुर या रायपुर में सिटी स्कैन के जाना पड़ रहा है। यहां भी वेटिंग सूची काफी लंबी है। स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र में पिछड़े कोरबा जिले को मेडिकल कॉलेज अस्पताल से काफी उमीदें हैं। कॉलेज अस्पताल शुरू हुए लगभग तीन साल बीत गए हैं लेकिन अस्पताल में मरीजों के लिए जरूरी सुविधाओं की कमी है। इसमें सबसे बड़ी कमी सिटी स्कैन को लेकर आ रही है। हालांकि इस कमी को दूर करने के लिए डीएमएफ शासी परिषद की बैठक में सिटी स्कैन मशीन की खरीदी जिला खनिज न्यास मद से करने 10.44 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई है।
उम्मीद है कि मेडिकल कॉलेज प्रबंधन और सीजीएमएससी मशीन खरीदी प्रक्रिया में तेजी लाएगी। इससे मरीजों को इलाज की सुविधा मिल सकेगी। प्रबंधन के पास सीएसआर मद से दो करोड़ रुपए पहले ही मिल चुके हैं। जिले के सरकारी अस्पतालों में सिटी स्कैन (कयूटरीकृत टोमाग्राफी) मशीन की सुविधा नहीं है। मरीजों को होने वाली परेशानी को देखकर जिला प्रशासन सक्रिय हुआ है और सिटी मशीन की खरीदी के लिए तैयार हो गया है। शासी परिषद की बैठक में प्रस्ताव बनाकर प्रस्तुत किया गया। सदस्यों ने इस पर सहमति जताई है। इसी के साथ इस मशीन के लिए जिला खनिज न्यास मद से 10.44 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई है। इस तरह एनटीपीसी से मिले दो करोड़ रुपए के चेक मिलाकर अब प्रबंधन के पास कुल 12.44 करोड़ के फंड हो गए हैं। बताया जा रहा है कि खरीदी की प्रक्रिया सीजीएमएससी से की जाएगी। सिटी स्कैन मशीन अलग-अलग गुणवत्ता की आती है। 16 स्लाइस वाली बेसिक मशीन है। 16 और 64 स्लाइस की तुलना में 128 स्लाइस सिटी स्कैनर में अधिक डिटेक्टर होते हैं।
तीन साल पहले एनटीपीसी ने दिए थे दो करोड़
राष्ट्रीय और राजमार्गों पर हो रहे हादसों की वजह से घायल मरीज अस्पताल पहुंचते हैं। लेकिन समय पर इलाज नहीं मिलने की वजह से मारे जाते हैं। इसके लिए लंबे समय से मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सिटी स्कैन मशीन की जरूरत महसूस की जा रही है। गौरतलब है कि तीन साल पहले एनटीपीसी ने सिटी स्कैन मशीन की खरीदी के लिए दो करोड़ रुपए सीएसआर मद से प्रदान किया है। लेकिन खरीदी की प्रक्रिया तेज नहीं हो सकी है। प्रबंधन ने बताया कि सीएसआर से मिली राशि से बेसिक मशीन की ही खरीदी की जा सकती है। लेकिन मेडिकल कॉलेज में बढ़ती मरीजों की संख्या को देखते हुए उच्च गुणवत्ता वाली 128 स्लाइस वाली सिटी स्कैन मशीन की जरूरत पड़ेगी।