नईदिल्ली, 0४ अगस्त [एजेंसी]।
आप सरकार के सूत्रों का कहना है कि दिल्ली में मुख्य सचिव संवैधानिक व्यवस्था की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं। संवैधानिक व्यवस्था के तहत उप राज्यपाल को मुख्यमंत्री के माध्यम से ही फाइल भेजी जाती है। लेकिन मुख्य सचिव इस व्यवस्था का खुला उल्लंघन कर रहे हैं।ताजा मामला दिल्ली की मेयर को ऑस्ट्रेलिया जाने का है। जिसकी फाइल मुख्यमंत्री को भेजने के बजाए सीधे एलजी के पास भेज दी गई। मेयर डा शैली ओबराय के ‘एशिया पेशिफिक सिटिज समिट-2023’ में हिस्सा लेने के लिए आस्ट्रेलिया जाने की फाइल सीधे भेजने पर उपराज्यपाल कार्यालय ने आपत्ति की और मुख्यमंत्री के माध्यम से फाइल भेजने की रिपोर्ट लगाकर फाइल मुख्य सचिव को वापस भेज दी। शैली ओबराय को ‘एशिया पेशिफिक सिटिज समिट- 2023’ में शामिल होने के लिए ब्रिस्बेन, आस्ट्रेलिया जाना है। इस समिट का आयोजन 11 से 13 अक्टूबर के बीच होना है। इसके संबंध में मेयर कार्यालय की तरफ से 15 जून को निगमायुक्त के पास प्रस्ताव भेजा गया। इसमें एक एमसीडी अधिकारी को भी साथ ले जाने का प्रस्ताव किया गया।
निगमायुक्त ने उचित प्रक्रिया का पालन करते हुए शहरी विकास सचिव को फाइल भेज दी।शहरी विकास सचिव ने यह फाइल मुख्य सचिव को भेजी। लेकिन इसके बाद मुख्य सचिव की तरफ से संवैधानिक व्यवस्था का पालन नहीं किया गया। मुख्य सचिव ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को फाइल भेजने के बजाए सीधे एलजी को भेज दी। एलजी कार्यालय की तरफ से इसपर आपत्ति की गई । एलजी कार्यालय कि तरफ से फाइल को उचित संवैधानिक व्यवस्था का पालन करते हुए फाइल मुख्यमंत्री के माध्यम से भेजने को लिखा। एशिया पेसिफिक सिटीज समिट-2023 में एक हजार से अधिक लोग जुटेंगे।
इसमें मेयर, नीति नियंता, बिजनेस लीडर, स्टार्टअप, यंग लीटर और इंडस्ट्री से जुड़े प्रोफेशनल भी हिस्सा लेंगे। यह समिट ‘शेपिंग सिटिज फार आवर फ्यूचर’ थीम पर होगी जो कि एमसीडी के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकती है।इस समिट की तीन उप थीम कनेक्शन, सिटीज आफ सस्टेनेबिलिटी और सिटीज आफ लीगेसी रखी गई है। इसके जरिए तकनीक, डाटा, शहरों के विकास आदि पर फोकस किया जाएगा। मेयर को वैश्विक नेटवर्क बनाने और शहर प्रबंधन में नवीनतम वैश्विक सर्वोत्तम अभ्यास और अवसरों के बारे में जानने का एक अवसर मिलेगा। इससे पहले 2019 में हुई समिट में भाग लेने वाले मेयरों ने लगभग 9.9 करोड़ आबादी का प्रतिनिधित्व किया था। ऐसे में समिट में हुए समझौते और अनुभव से करोड़ों लोगों के जीवन को लाभ मिला।