पीलीभीत, २७ जुलाई ।
एक युवक फर्जी नियुक्ति पत्र लेकर टिकट कलेक्टर (टीसी) पद पर कार्यभार ग्रहण करने के लिए स्थानीय रेलवे स्टेशन पर पहुंच गया। युवक ने ज्वाइनिंग के लिए उप मुख्य टिकट निरीक्षक के कक्ष में पहुंचकर अपना नियुक्ति पत्र दिया। उप मुख्य टिकट निरीक्षक को संदेह होने पर उन्होंने उच्चाधिकारियों से जानकारी ली। तब पता चला कि नियुक्ति पत्र रेलवे के किसी अधिकारी ने जारी नहीं किया। वह पूरी तरह फर्जी नियुक्ति पत्र है। इस पर उन्होंने तुरंत मामले की सूचना राजकीय रेलवे पुलिस को दी। जीआरपी ने फर्जीवाड़ा करने वाले युवक को गिरफ्तार कर लिया।सुनगढ़ी थाना क्षेत्र के गांव भिलैया खेड़ा निवासी युवक राजेंद्र कुमार स्थानीय रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर स्थित उप मुख्य टिकट निरीक्षक कार्यालय में पहुंचा।
युवक ने उप मुख्य टिकट निरीक्षक को बताया कि रेलवे में उसकी नियुक्ति टिकट कलेक्टर (टीसी) पर हुई है। उसे यहां ज्वाइन करने के लिए भेजा गया है। साथ ही युवक ने अपना नियुक्ति पत्र निकाल दिया। उप मुख्य टिकट निरीक्षक शिव कुमार यादव ने नियुक्ति पत्र देखा तो उन्हें फर्जी होने का संदेह हुआ। इस पर उन्होंने युवक को बिठा लिया और फिर उच्चाधिकारियों से इस संबंध में जानकारी ली, जिसके बाद पता चला कि युवक ने जो नियुक्ति पत्र दिया है, वह फर्जी है। इस तरह का कोई नियुक्ति पत्र रेलवे की ओर से जारी नहीं किया गया। सत्यता जानकर उप मुख्य टिकट निरीक्षक के भी होश उड़ गए। उन्होंने आरोपी युवक को जीआरपी के हवाले कर दिया। युवक के विरुद्ध तहरीर दी गई। जिसके आधार पर जीआरपी थाने में आरोपित के विरुद्ध धारा 318 (2), 336 (3), 338, 340 (2) भारतीय न्याय संहिता के तहत प्राथमिकी लिखी गई। जीआरपी ने पूछताछ के बाद आरोपित का चालान कर न्यायालय में पेश किया। न्यायालय ने आरोपी को जेल भेज दिया। फर्जी नियुक्ति पत्र लेकर पहुंचे युवक राजेंद्र कुमार को जेल भेज दिया गया है। लेकिन आशंका है कि इस मामले के पीछे कोई रैकेट भी हो सकता है। तराई के जिले में सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देकर युवकों को ठगी का शिकार बनाने के पहले भी मामले सामने आते रहे हैं। ऐसे में आरोपी से पूरे मामले पर गहनता से पूछताछ की जानी चाहिए। जिससे यह स्पष्ट हो सके कि फर्जी नियुक्ति उसने कहां से हासिल किया।
? फर्जी नियुक्त पत्र तैयार करने वाले नेटवर्क की तह तक जाने की जरूरत है।