
कोरबा। गर्मी के मौसम में अलग-अलग कारणों से जंगलों में लगने वाली आग से वन विभाग की चुनौतियां बढ़ी हुई है। बालकोनगर रेंज के अंतर्गत आने वाला भटगांव के जंगल में लगी आग पर किसी तरह नियंत्रण कर लिया गया। अन्य क्षेत्रों में भी निगरानी रखी जा रही है।
बालकोनगर रेंजर जयंत सरकार ने बताया कि भटगांव के जंगल के एक हिस्से में आग लगी थी। हवा के संपर्क में आने के साथ इसका दायरा और बढ़ गया। आसपास में लगे कुछ पेड़-पौधों को इसमें नुकसान पहुंचा है। सूचना प्राप्त होने पर विभाग की टीमें सक्रिय हुई। उपलब्ध संसाधन और तौर-तरीके का उपलब्ध कर जंगल में लगी आग को नियंत्रित कर लिया गया है। आसपास के क्षेत्र में आग न लगे, इसका ध्यान रखा जा रहा है। सरकार ने बताया कि सामान्य तौर पर इस मौसम में पेड़ों के आपस में टकराने के कारण जंगलों में आग लगती है जबकि तेंदूपत्ता और महुआ के लालच के चक्कर में भी संबंधित लोग आग लगा दिया करते हैं। इसके पीछे उनका अपना मिथक है। हालांकि वन विभाग ने सडक़ से लगे इलाकों में बिखरी पत्तियों को समाप्त करने का काम किया है। ऐसा होने पर यहां से लगने वाली आग आगे नहीं बढ़ पाती। रेंजर के अनुसार फारेस्ट अमले के अलावा वन सुरक्षा समितियां भी अपने क्षेत्र में सतर्कता बरत रही है। जागरूक लोगों का सहयोग भी इस प्रकार की घटनाओं को रोकने और जंगलों को बचाने के लिए लिया जा रहा है।