हरिलीला ट्रस्ट के बहुआयामी आयोजन में ओझा सर ने दिए सफलता के सूत्र
जांजगीर। मिडिल क्लास परिवार बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित रहते है उसी चिंता से कुप्रथा पैदा हुई हैं। लेकिन अब डरने की जरूरत नही। अब बहुत सारे विकल्प खुल गये है। मैं आपको कहना चाहता हूूॅ अपने बच्चों को उनकी तरह जीने दे सिर्फ मार्गदर्शन करें। आप सबके बच्चें कुछ ना कुछ अच्छा करेंगे। बच्चों को तनाव से निकालने का सबसे प्यारा तरिका है कि पैरेंट व टीचर उनके बौद्धिक और शारीरिक और मानसिक विकास पर ज्यादा ध्यान दें। आज आपका बच्चा शारीरिक व मानसिक रूप से मजबूत है तो उसका भविष्य बहुत अच्छा होगा। भविष्य को लेकर डराये नही तभी वह तनाव से बाहर निकलेंगे। उक्त बातें हरिलीला ट्रस्ट के अध्यक्ष लीलाधर सुल्तानिया के जन्मदिन पर आयोजित महती आयोजन में हजारो ं की तादात में मौजूद युवाओं और लोगों को विश्वविख्यात मोटिवेटर और एजुकेटर अवध ओझा ने कही। आयोजन स्थल के मंच पर ट्रस्ट के सचिव अमर सुल्तानिया ने उनका कोसे का साल और प्रतिक चिन्ह के साथ उनका स्वागत किया। कार्यक्रम के दौरान छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री और पूर्व आई.ए.एस. ओ.पी. चौधरी ने भी ऑनलाईन संबोधित किया और अपने संघर्ष कीे कहानी से युवाओं को प्रेरित किया।
बता दें कि विश्वविख्यात मोटिवेटर अवध ओझा सर के इस बहुप्रतिक्षित और बहुआयामी आयोजन का इंतजार अंचल के लोगों को लंबे समय से था 16 अक्टूबर को हरिलीला ट्रस्ट के इस महत्वपूर्ण आयोजन में हजारो की तादात में युवा और आम लोग शामिल हुए। इस दौरान अवध ओझा सर ने जब अपने चिरपरिचित मुखर अंदाज के साथ बोलना शुरू किया तब लोग मंत्र मुग्ध होकर उन्हे सुनते रहें जिसमें उन्होने युवाओं को शिक्षा और समय का सही प्रबंधन, बदलते परिवेश में सफलता पाने चुनौतियों से सामना करने का तरीका, प्रतियोगी परीक्षाओं के तैयारी के गुण सिखाए। वे बीच-बीच में सामान्य ज्ञान के सवाल भी करते रहे जिसके जवाब देने का प्रयास भी मौजूद विद्यार्थियों ने किया।
कान्हा पैलेश के विशाल सभागार में मौजूद हजारों युवाओं और आमजन को संबोधन के दौरान अवध ओझा सर ने हरिलीला ट्रस्ट के अध्यक्ष और क्षेत्र के उद्योगपति व समाज सेवी लीलाधर सुल्तानिया का संदर्भ देते हुए कहा कि मैं रतन टाटा से तो नही मिल पाया पर आज छ.ग. के रतन टाटा से मुलाकात हो गई। उन्होने कहा कि सुल्तानिया जी आज जहां पर हैं वहां तक पहुंचने में उनके संघर्ष की लंबी कहानी होगी। आप सब को सुल्तानिया परिवार को व्यक्तिगत रूप से मुलाकात कर धन्यवाद देना चाहिए क्योंकि उनके द्वारा अपना किमती समय और पैसे खर्च कर आपके लिए यह महत्वपूर्ण आयोजन कराया हैं।
सफलता के मंत्र देने के दौरान अवध ओझा सर ने उन्हे सुनने आए हजारों युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि आई.ए.एस. बनने के अब बहुत सारे रास्ते हैं। अंतिम दूर दराज के गांवो के या छोटे शहरों के छात्रों को अब दिल्ली जाकर लाखों रूपए कोर्स पर खर्च करने की आवश्यकता नहीं है अब बहुत कम खर्च पर ऑनलाईन पढ़ाई हो रही है जिसका लाभ भी मिल रहा है उन्होने कहा कि मैं छात्रों से अब बाहर मत जाओ घर पर रहकर ही ठोस तैयारी करो।
हरिलीला ट्रस्ट के आयोजन में वित्त मंत्री और पूर्व आई.ए.एस. ओ.पी. चौधरी केबिनेट की बैठक होने की वजह से मौजूद नही हो सकें पर उन्होने अपने अतिव्यस्त क्षणों में से बीस मिनट निकालकर उपस्थित जनों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होने अपने आई.ए.एस. बनने के संघर्ष की कहानी बताकर मौजूद छात्रों को प्रेरित किया। उन्होने कहा कि सकारात्मक सोच और प्रतिबद्धता आपकी सफलता तय करती है। साथ ही कहा कि जूनुन और जज्बा हो तो दुनिया की कोई भी ताकत आपका रास्ता नही रोक सकती। अपने संघर्ष से सफलता के अनुभव को बांटते हुए उन्होने युवाओं से कहा कि बायंग जैसे छोटे से गांव से पैदा होकर 4 कक्षा तक पढ़ी मां और आठ साल की उम्र में पिता को खोने के बाद उन्होने आई.ए.एस. बनने का जूनुन कायम रखा और छ.ग. के पहले आई.ए.एस. बने। इस दौरान उन्होने हरिलीला ट्रस्ट के अध्यक्ष लीलाधर सुल्तानिया को जन्मदिन की बधाई देते हुए उनके दीर्घायु होने की कामना की।
मेघावी छात्रों का हुआ सम्मान
हरिलीला ट्रस्ट के द्वारा मेघावी छात्रों को प्रोत्साहित करने का काम जारी है इसी कड़ी में इस बार भी विश्वविख्यात मोटिवेटर अवध ओझा सर की मौजूदगी में 10वी, 12वी के मेघावी छात्रों कुमारी वंशिका सिंह राठौर और कुमारी जागृति प्रजापति का 21-21 हजार रूपए का चेक मोमेंटो और प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया साथ ही नीट की परीक्षा में छ.ग. में सर्वाधिक अंक अर्जित करने वाले गौरव अग्रवाल को 11000 रूपए का चेक मोमेंटो और प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।