प्रयागराज। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को प्रयागराज महाकुंभ के लिए कलश स्थापित किया। 5700 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट का भी शिलान्यास-उद्घाटन किया। जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा- गुलामी के कालखंड में भी कुंभ की आस्था नहीं रुकी।
मोदी ने कहा- संगम आकर संत-महंत, ऋषि-मुनि, ज्ञानी-विद्वान सब एक हो जाते हैं। जातियों का भेद खत्म हो जाता है। संप्रदायों का टकराव मिट जाता है। प्रयागराज वो स्थान है, जिसके प्रभाव के बिना पुराण पूरे नहीं होते। इसलिए मैं कहता हूं कि ये महाकुंभ, एकता का महायज्ञ है। इसमें हर तरह के भेदभाव का आहुति दी जाती है।
इससे पहले, पीएम अरैल घाट से निषादराज क्रूज में सवार होकर संगम तट पर गए। यहां साधु-संतों से मुलाकात की। इसके बाद संगम नोज पर 30 मिनट गंगा पूजन किया। गंगा को चुनरी और दूध चढ़ाया। सेल्फी पॉइंट पर फोटो खिंचवाई।
इसके बाद पीएम ने अक्षयवट की परिक्रमा की। फिर लेटे हनुमान जी की आरती उतारी, भोग अर्पित किया। मोदी ने सरस्वती कूप में दूध डाला। हनुमान मंदिर कॉरिडोर के मॉडल को भी देखा। पीएम के साथ राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और सीएम योगी रहे। पीएम का हेलिकॉप्टर सुबह साढ़े 11 बजे बमरौली एयरपोर्ट पर लैंड हुआ। 3 घंटे तक पीएम यहां रुके। दोपहर ढाई बजे दिल्ली के रवाना हो गए।