यातायात व्यवस्था को नियंत्रित करने की कोशिश
कोरबा। 5 लाख 50000 से ज्यादा की आबादी कोरबा शहरी क्षेत्र में हो चुकी हैं। आबादी का घनत्व बढऩे के साथ इसी अनुपात में वाहनों की संख्या भी बढ़ रही है। लोगों की आवश्यकता का पैमाना इससे सीधे तौर पर जुड़ा हुआ है। घरेलू और व्यावसायिक कार्यों के लिए विभिन्न प्रकार के वाहनों की संख्या बढऩे और उसका दबाव कुल मिलाकर यहां की सडक़ों पर है। ऐसी स्थिति में सडक़ों पर यातायात को नियंत्रित कैसे रखा जाए इस काम को ट्रैफिक पुलिस के अधिकारी और जवान लगातार कर रहे हैं। मौसम चाहे ठंड का हो, गर्मी का या फिर बरसात- उन्हें हर हाल में काम करना ही है।
वर्ष 2024 में रिकॉर्ड गर्मी झेलने के बाद में कोरबा शहरी क्षेत्र के अंतर्गत बड़े हिस्से में ट्रैफिक की टीम ने अपनी भूमिका ट्रैफिक कंट्रोल करने को लेकर निभाई। विभिन्न प्रकार की चुनौतियां से जूझने के साथ उन्होंने ट्रैफिक को एक दायरे में समेटने के लिए काम किया। दुर्घटनाओं पर रोकथाम लगाने से लेकर वाहन चालकों को उनकी जिम्मेदारी बताने और उन्हें ट्रैफिक फ्रेंडली बनाने के लिए भी काम किया जा रहा है। कोरबा में यातायात पुलिस के प्रभारी गोवर्धन मांझी ने बताया की गर्मी में लगभग 44 डिग्री के तापमान को बर्दाश्त करने के बाद भी क्षेत्र में सडक़ों से लेकर यहां वहां चेकप्वाइंट पर ट्रैफिक पुलिस के जवानों ने अपनी जिम्मेदारी निभाई। बारिश का दौर शुरू होने अब नई समस्याएं हैं। लेकिन इस प्रकार के हालातो में भी उन्हें कामकाज करना ही होता है। किसी भी कारण से काम ना रुके इसके लिए उच्च स्तर से निर्देश हैं। वर्तमान में कोरबा जिले में बारिश के तेवर दिखाई दे रहे हैं । ऐसे में यातायात पुलिस की टीम वर्षा से बचाव करने वाले संसाधनों का उपयोग करने के साथ अपनी ड्यूटी में लगी हुई है। ट्रैफिक टीम ने इसके लिए संबंधित पैटर्न को अपनाया है ताकि जिम्मेदारी निभाने के दौरान किसी प्रकार की समस्याओं का सामना न करना पड़े। बताया गया कि कोरबा जिले में पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी के मार्गदर्शन और एडिशनल एसपी नेहा वर्मा, यूवीएस चौहान के दिशा निर्देशन में ट्रैफिक संबंधी व्यवस्था को अपडेट करने के लिए लगातार प्रयत्न किया जा रहे हैं।