नईदिल्ली, 0७ फरवरी ।
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के पिता शेख मुजीबुर्रहमान के ऐतिहासिक आवास पर बुधवार रात आगजनी और तोडफ़ोड़ की गई। बुधवार रात को प्रदर्शनकारियों ने राजधानी के धानमंडी क्षेत्र में मुजीबुर्रहमान के घर के सामने रैली की थी। यह रैली इंटरनेट मीडिया पर बुलडोजर जुलूस के आह्वान के बाद की गई। हसीना के भारत से एक ऑनलाइन संबोधन के विरोध में यह कदम उठाया गया था। इस घटना से जुड़े कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए। वहीं, इस घटना पर भारत की ओर से भी चिंता जाहिर की गई है। भारत ने इस घटना को गुंडागर्दी करार दिया है। भारत की यह प्रतिक्रिया गुरुवार शाम को आई। उससे पहले दिन में बांग्लादेश की सरकार ने ढाका में भारत के कार्यवाहक उच्चायुक्त को तलब कर देश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के वर्चुअल भाषण को लेकर अपनी आपत्ति जताई।विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, यह बहुत ही दुख की बात है कि बांग्लादेश में अत्याचार और बाहरी आक्रमण के विरोध का साहसिक विरोध के प्रतीक शेख मुजीबुर्रहमान के ऐतिहासिक आवास को आग के हवाले कर दिया गया। जो लोग बांग्लादेश में आजादी की लड़ाई के मूल्यों को समझते हैं और बांग्ला पहचान व गर्व को मानते हैं, वे बांग्लादेश की राष्ट्रीय चेतना को जागृत करने में शेख मुजीबुर्रहमान के आवास के महत्व को समझते हैं।
गुंडागर्दी की कार्रवाई की कड़े शब्दों में निंदा करनी चाहिए। वर्तमान में मुजीबुर्रहमान के आवास को संग्रहालय के तौर पर स्थापित किया गया था। शेख हसीना ने वर्चुअल तरीके से यह भाषण भारत से दिया था। बांग्लादेश ने इस भाषण को लेकर भारत से अनुरोध किया है कि वह शेख हसीना की गतिविधियों पर रोक लगाए। इससे बांग्लादेश में अस्थिरता का माहौल पैदा हो रहा है।