कीव, ०६ जुलाई [एजेंसी]। यूक्रेन युद्ध के दौरान हथियारों से मार करने के साथ ही दोनों पक्ष एक दूसरे पर राजनयिक दबाव बनाने में जुटे हैं। बुधवार को यूक्रेन और रूस ने एक-दूसरे पर दक्षिणपूर्वी यूक्रेन स्थित यूरोप के सबसे बड़े परमाणु संयंत्र जपोरिजिया पर हमले की योजना बनाने का दावा किया। हालांकि, इसके लिए किसी भी पक्ष ने कोई साक्ष्य नहीं दिए। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने बुधवार को खुफिया रिपोर्ट पर चिंता जताई। यूक्रेनी सैन्य बल के जनरल स्टाफ की ओर से एक बयान जारी कर कहा गया है कि परमाणु संयंत्र की तीसरी और चौथी इकाई की छतों पर विस्फोटक जैसी वस्तुएं देखी गई हैं। रूस द्वारा इनका उद्देश्य संयंत्र को नष्ट करना नहीं है बल्कि इसके जरिये यूक्रेन पर बमबारी करने का आरोप लगाना है। दूसरी ओर, रूस में क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने इस परमाणु संयंत्र पर यूक्रेनी सेनाओं द्वारा विनाशकारी हमले की आशंका जताई है। उन्होंने कहा, इससे स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। उल्लेखनीय है कि पिछले साल युद्ध शुरू होने के कुछ समय बाद ही रूस ने जपोरिजिया संयंत्र पर कब्जा कर लिया था। इस बीच, रूस ने बाखमुट के पास संघर्ष में तीन यूक्रेनी सैन्य समूह पर हमले कर भगाने का दावा किया है। बीते मई में रूस ने बाखमुट पर वैगनर समूह की मदद से कब्जा कर लिया था। फिलहाल इसको लेकर विस्तार से जानकारी नहीं मिली है। इससे पहले मंगलवार को यूक्रेन के खारकीव क्षेत्र के पर्वोमाइस्क्यी कस्बे में एक आवासीय इमारत की पार्किंग पर मिसाइल हमले में कम से कम 43 लोग घायल हो गए थे।नाटो शिखर सम्मेलन से पहले बुधवार को पोलैंड और इटली के प्रधानमंत्रियों ने विश्वास जताया कि यूक्रेन को वास्तविक सुरक्षा की गारंटी जरूर मिलेगी। इससे यूक्रेन के भविष्य में सैन्य गठबंधन में शामिल होने का मजबूत संकेत मिलता है। यूक्रेन इससे पहले 11-12 जुलाई को विनियस में होने जा रहे नाटो सम्मेलन की प्रशंसा कर चुका है। जिसमें उसके भविष्य में नाटो सदस्य के रूप में शामिल होने का रोडमैप तैयार हो सकता है।