गाजियाबाद, २९ सितम्बर ।
उत्तर प्रदेश विधानसभा उपचुनाव से ठीक पहले समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को झटका लगा है। पार्टी के प्रदेश सचिव परमानन्द गर्ग ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।उन्होंने इसके पीछे समाजवादी पार्टी पर वैश्य समाज की अनदेखी करने का आरोप लगाया है। पार्टी ने नगर निकाय चुनाव में गाजियाबाद नगर निगम में महापौर पद के लिए उनकी पत्नी नीलम गर्ग को प्रत्याशी बनाया था, लेकिन ऐन वक्त पर उनकी जगह प्रत्याशी बदल दिया था।इस बार विधानसभा उपचुनाव में सपा-कांग्रेस गठबंधन में गाजियाबाद सीट कांग्रेस के हिस्से में आती दिख रही है। कांग्रेस छोडक़र वर्ष 2022 के चुनाव में समाजवादी पार्टी में शामिल हुए परमानन्द गर्ग को पार्टी की ओर से प्रदेश सचिव के तौर पर जिम्मेदारी मिली। गाजियाबाद विधानसभा सीट से भाजपा विधायक रहे अतुल गर्ग के लोकसभा चुनाव में सांसद बन जाने के बाद यह सीट रिक्त है।
उत्तर प्रदेश में 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में गाजियाबाद भी एक विधानसभा सीट है, जहां उपचुनाव होना है। इसके लिए भाजपा से लेकर कांग्रेस और सपा की ओर से भी तैयारी की जा रही है। सपा के प्रदेश सचिव परमानन्द गर्ग कांग्रेस छोडक़र ही सपा में शामिल हुए थे। उपचुनाव में पार्टी प्रत्याशी बनाए जाना मुमकिन नहीं है।
वैश्य समाज की अनदेखी का आरोप लगाते हुए उन्होंने समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष को अपना इस्तीफा भेज दिया है। वह वैश्य समाज की आवाज बनने के लिए इस पार्टी में शामिल हुए थे और सच्चे सिपाही की तरह पार्टी की सेवा की, लेकिन कुछ विशेष वर्गों का ही पार्टी में बोलबाला है। वैश्य समाज की कोई कद्र नहीं है, जिसे देखकर मन कुंठित हुआ और पद व पार्टी छोडऩे का निर्णय लिया। – परमानन्द गर्ग पार्टी विचारधारा से कोई वास्ता नहीं रहा है। विधानसभा 2022 का चुनाव लडऩे के लिए वह कांग्रेस छोडक़र सपा में आए थे। अब चुनाव लडऩे के लिए दूसरी पार्टी में चले जाएंगे।