लखनऊ, 0४ जनवरी ।
अब विवाहित महिला शिक्षामित्रों का दूसरे जिले के परिषदीय प्राथमिक व कंपोजिट स्कूल में भी स्थानांतरण हो सकेगा। अभी शादी के बाद उन्हें ससुराल से मायके के विद्यालय पढ़ाने आना पड़ता है। अब उन्हें बड़ी राहत मिल गई है। वहीं, पुरुष व अविवाहित महिला शिक्षामित्रों का अपने जिले की ग्राम सभा के किसी भी विद्यालय में तबादला हो सकेगा। जल्द स्थानांतरण के लिए समय-सारिणी जारी की जाएगी। छह वर्ष बाद नई स्थानांतरण व समायोजन नीति जारी कर शिक्षामित्रों को बड़ी राहत दी गई है। प्रदेश में कुल 1,46,664 शिक्षामित्रों में से करीब 51 हजार शिक्षामित्रों को इससे लाभ होगा। आनलाइन स्थानांतरण के लिए 60 अंकों का भारांक निर्धारित किया गया है। नवीन विद्यालय में स्थानांतरण किए जाने पर तीन दिन में शिक्षामित्र को ज्वाइन करना होगा। प्रमुख सचिव, बेसिक शिक्षा एमकेएस सुंदरम की ओर से शुक्रवार को शिक्षामित्रों के लिए नई स्थानांतरण व समायोजन नीति जारी कर दी गई। अगर जिले के भीतर पुरुष व अविवाहित महिला शिक्षामित्रों के लिए उनके पूर्व के मूल विद्यालय में जहां उनकी पहली तैनाती हुई थी, वहां पद खाली नहीं है तो ग्रामसभा के दूसरे विद्यालय में रिक्त पद तबादला होगा। जिन शिक्षामित्रों के द्वारा कार्यरत विद्यालय में ही पदास्थापित किए जाने का ही एक विकल्प दिया जाता है तो ऐसे आवेदन पत्रों पर किसी भी तरह की कार्यवाही की जरूरत नहीं होगी। जिला स्तरीय समिति के माध्यम से निर्धारित भारांक के आधार पर स्थानांतरण करेगी। अगर एक पद पर उससे अधिक आवेदन हैं तो भारांक के आधार पर तैनाती होगी।
मानव संपदा पोर्टल के डाटा के आधार पर ऐसे परिषदीय प्राथमिक स्कूल व कंपोजिट विद्यालयों में जहां शिक्षामित्र कार्यरत न हो वहां पर दो रिक्तियां चिह्नित की जाएंगी। जहां पर एक शिक्षामित्र कार्यरत होगा वहां पर एक पद रिक्त घोषित किया जाएगा। नक्सल प्रभावित जिलों के विद्यालय जहां पर एक भी शिक्षामित्र नहीं है वहां तीन पदों पर, जहां एक शिक्षामित्र है वहां दो पदों पर और जहां पर दो शिक्षामित्र हैं वहां एक पद पर शिक्षामित्र का समायोजन होगा।वर्ष 2001 में शिक्षामित्रों की भर्ती शुरू की गई थी और वर्ष 2010 तक भर्ती की गई। फिर दो वर्षों की चरणबद्ध ढंग से बीटीसी ट्रेनिंग कराकर इन्हें सहायक अध्यापक बनाया गया, लेकिन वर्ष 2017 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इन्हें फिर शिक्षामित्र पद पर वापस कर दिया गया। ऐसे में अध्यापक बनकर दूसरे जिले या फिर जिले में दूसरे ब्लॉक के विद्यालयों में गए तमाम शिक्षक अपने मूल विद्यालय जहां पर शिक्षामित्र के रूप में तैनात हुए थे, वहां वापस नहीं हो सके। वर्ष 2018 में स्थानांतरण नीति आई, लेकिन तमाम शिक्षामित्र छूट गए। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के अध्यक्ष शिव कुमार शुक्ला व महामंत्री सुशील यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार जताया है। उन्होंने कहा कि बीते 16 अक्टूबर को मुख्यमंत्री से मुलाकात कर मांग की गई थी। जो पूरी हो गई। अब उम्मीद है कि सरकार आगे मानदेय भी बढ़ाएगी।
मुंबई में ठंड और उमस: तापमान में उतार-चढ़ाव ने बिगाड़ा मौसम का मिजाज
मुंबई। मुंबई में पिछले कुछ दिनों से अधिकतम और न्यूनतम तापमान के बीच लगभग 7 से 8 डिग्री सेल्सियस का उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। हालांकि, शुक्रवार को शहर में दिन और रात के तापमान के बीच लगभग 20 डिग्री का अंतर दर्ज किया गया, जिसे मौसम विज्ञानी इस समय के लिए बेहद असामान्य मानते हैं।हालांकि, इस समय तापमान में उतार-चढ़ाव आम बात है, लेकिन शुक्रवार को 19.7 डिग्री सेल्सियस का उतार-चढ़ाव जनवरी के लिए सामान्य नहीं है। निजी मौसम ब्लॉग वैगरीज ऑफ वेदर के क्लाइमेटोलॉजिस्ट राजेश कपाडिय़ा ने कहा की जनवरी में यह सामान्य नहीं है। इस तरह का अंतर मार्च में देखा जाता है। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि रात में ठंडी होती है और दिन में गर्मी, जिससे तापमान में गिरावट आती है। कपाडिय़ा के अनुसार, 16 मार्च 2011 को अधिकतम और न्यूनतम तापमान के बीच का अंतर 22.1 डिग्री सेल्सियस हो गया था। आईएमडी मुंबई के निदेशक सुनील कांबले ने कहा कि शुक्रवार को दिन और रात के तापमान में बहुत अंतर रहा। हालांकि, यह घटना पिछले कुछ वर्षों से देखी जा रही है।
एक दिन के आंकड़ों के आधार पर इसे असामान्य कहना जल्दबाजी होगी। उन्होंने कहा कि इस बदलाव की वास्तविक सीमा निर्धारित करने के लिए विस्तृत अध्ययन और समय के साथ तापमान पैटर्न पर करीब से नजर डालना आवश्यक है।दिन और रात के तापमान में उल्लेखनीय उछाल ने दैनिक तापमान सीमा (डीटीआर) की अवधारणा पर फिर से ध्यान आकर्षित किया है, जो दिन के उच्चतम और निम्नतम तापमान के बीच का अंतर है। हालांकि प्रायद्वीपीय क्षेत्र आम तौर पर समुद्री प्रभाव के कारण कम डीटीआर प्रदर्शित करते हैं, लेकिन उत्तर-पश्चिमी भारत के कुछ हिस्सों में अक्सर कम वर्षा और समुद्र से दूरी के कारण अधिक उतार-चढ़ाव होता है। हालांकि, हवा के पैटर्न में बदलाव और अन्य मौसम संबंधी कारकों का मतलब है कि स्थानीय बदलाव हो सकते हैं और होते भी हैं।शुक्रवार का अधिकतम तापमान 36 डिग्री सेल्सियस था, जो 2016 के बाद से जनवरी में मुंबई में दर्ज किया गया सबसे अधिक तापमान था। ढ्ढरूष्ठ के रिकॉर्ड बताते हैं कि 1 जनवरी, 2016 को शहर का तापमान 37.3 डिग्री सेल्सियस था। कांबले ने पुष्टि की कि शुक्रवार का तापमान नौ वर्षों में पहली बार है जब शहर ने जनवरी में 36 डिग्री सेल्सियस रहा।भारतीय मौसम विभाग (ढ्ढरूष्ठ) ने अगले 24 से 48 घंटों में आसमान साफ ??रहने का अनुमान लगाया है, जिसमें अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस और 36 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है, जबकि न्यूनतम तापमान 17 डिग्री सेल्सियस से 18 डिग्री सेल्सियस के आसपास रह सकता है। ढ्ढरूष्ठ के क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र- मुंबई के एक अधिकारी ने कहा कि दिन और रात के तापमान में कुछ उतार-चढ़ाव जारी रहने की उम्मीद है।