
लखनऊ, 0५ जून ।
उत्तर प्रदेश में लगभग साढ़े तीन दशक से खोये जनाधार की तलाश में जुटी कांग्रेस को आखिरकार संजीवनी मिल गई। साइकिल की सवारी कर कांग्रेस ने न सिर्फ अपना पंजा मजबूत किया है, बल्कि सबसे अधिक 80 लोकसभा सीटों वाले उत्तर प्रदेश में आधा दर्जन सीटें जीतकर अपने राजनीतिक वजूद को बरकरार रखा है। पिछले चुनाव में अपनी परंपरागत सीट अमेठी में राहुल गांधी को मिली हार के बाद कांग्रेस के सामने शून्य का खतरा मंडरा रहा था। लेकिन राहुल गांधी व प्रियंका वाड्रा के दमदार प्रचार और इस बार बूथ स्तर तक एजेंट बनाने की रणनीति कारगर साबित हुई।कांग्रेस ने सपा के वोटबैंक के बलबूते अपनी परंपरागत सीट अमेठी व रायबरेली के अलावा सहारनपुर, सीतापुर, बाराबंकी व इलाहाबाद में जीत दर्ज की। कांग्रेस को लगभग 9.46 प्रतिशत वोट मिले। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के उत्तर प्रदेश को लेकर किए गए निर्णय एक के बाद एक उसके पक्ष में रहे। इनमें पहला निर्णय लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा को उत्तर प्रदेश के प्रभारी के पद से मुक्त किए जाने का था। पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष के रूप में सवर्ण अजय राय को चुनने के बाद अविनाश पांडेय को नया प्रदेश प्रभारी बनाया और एक खास वर्ग को बड़ा संदेश देने का प्रयास किया।
प्रभारी पद से मुक्त हुई प्रियंका ने अन्य राज्यों के साथ ही उत्तर प्रदेश में प्रचार की बागडोर संभाली। कांग्रेस की नजर भी शुरुआत से मुस्लिम वोट बैंक के साथ दलित-पिछड़ों पर थी। इनके साथ ही भाजपा से नाराज सवर्ण वर्ग को भी अपने पाले में खींचने के लिए कांग्रेस ने पूरा जोर लगाया।पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने चार चरण का मतदान संपन्न होने के बाद उप्र में बड़ा दांव खेला। खरगे ने कांग्रेस की सरकार बनने पर गरीबों को हर माह पांच किलो के बजाए 10 किलो राशन मुफ्त दिए जाने की घोषणा की।
इसके माध्यम से कांग्रेस ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के लाभार्थियों को लुभाने का प्रयास किया।सपा से गठबंधन के चलते कांग्रेस ने इस बार अपनी सीटों पर उम्मीदवारों के चयन को लेकर भी पूरी सावधानी बरती। नामांकन के अंतिम दिन राहुल गांधी ने रायबरेली से चुनाव लडऩे का एलान किया तो अमेठी से पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता किशोरी लाल शर्मा को उम्मीदवार बनाकर सबको चौंका दिया। भाजपा कांग्रेस की इस चाल का तोड़ नहीं निकाल सकी।सोनिया गांधी की रायबरेली से की गई भावुक अपील भी रंग लाई। राहुल गांधी ने रायबरेली में 3,90,030 मतों के भारी अंतर से जीत दर्ज की। पिछले लोकसभा चुनाव में अमेठी में राहुल को भाजपा प्रत्याशी स्मृति इरानी ने 55,120 मतों से हराया था। इस बार कांग्रेस के किशोरी लाल शर्मा ने स्मृति को 1,67,196 मतों से हराया।वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विरुद्ध लगातार तीसरी बार चुनाव लड़े पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय इस बार अपने मतों की संख्या में बड़ी बढ़ोतरी करने में कामयाब रहे। पिछले चुनाव में अजय राय को 1,52,548 वोट मिले थे और वह तीसरे स्थान पर रहे थे। इस बार राय को 4,60,457 वोट मिले और वह दूसरे स्थान पर रहे।