रायपुर। राजनांदगांव लोकसभा चुनाव में भूपेश बघेल मुश्किलों में घिरते नज़र आ रहे है। चुनाव प्रचार में उन्हें स्थानीय कार्यकर्ताओं का साथ नहीं मिल रहा है। स्थानीय कार्यकर्ता साफ़ तौर पर यह कहते सूने जा रहे है कि जिन कार्यकर्ताओं और नेताओं को भूपेश के साथ रहते फायदा हुआ है वही उनका प्रचार करें। स्थानीय कार्यकर्ता तो दूर लोकसभा क्षेत्र के कांग्रेस विधायकों के इलाकों में भी कार्यकर्ता खुलकर प्रचार नहीं कर रहे है। पूर्व मंत्री और विधायक मोहम्मद अकबर भी चुनाव प्रचार के लिए मैदान में नहीं उतर रहे है। जिस विधानसभा क्षेत्र में पिछले 15 सालों से प्रतिनिधित्व कर रहे है उन इलाकों में भी जाने से डर रहे है। विधायकों और कार्यकर्ताओं का बराबर साथ नहीं मिलने से भूपेश बघेल चुनाव प्रचार में पिछड़ते जा रहे है। इसकी झुंझलाहट भी चुनाव प्रचार के दौरान भूपेश के चेहरे के पर साफ़ नज़र आ रही है। भूपेश के साथ-साथ गिरीश देवांगन का भी क्षेत्र में भारी विरोध हो रहा है। क्योंकि गिरीश ने सभी से वादा किया था कि वो सबकों पैसे देंगें लेकिन उन्होंने किसी को भी पैसे नहीं दिए जिसकी वजह से गिरीश देवांगन का भारी विरोध कांग्रेसी समर्थकों के साथ-साथ आम लोग भी कर रहे है। आम कार्यकर्ता अब ये कहते नहीं थक रहे है जिन्होंने भूपेश के साथ भरपूर माल कमाया वही चुनाव प्रचार को देखेंगें और उन्हें के हाथ में इसकी कमान है। जमीनीं स्तर के कार्यकर्ताओं को पूछ कौन रहा है।