कोरिया/चरचा कालरी। नगर पालिका शिवपुर चर्चा के वार्ड क्रमांक एक में स्थित लोक आस्था एवं भक्ति का प्रतीक छठ घाट राजनीति की भेंट चढ़ गया है छठ घाट में सूर्य मंदिर अधूरा बनाकर छोड़ दिया गया है मंदिर के अंदर परिक्रमा स्थल पर चारों तरफ मिट्टी और कचरा पड़ा हुआ है मंदिर के एक कोने में शिवलिंग और सामने की ओर देवी देवताओं की प्रतिमा जमीन पर रख दी गई है जिनकी पूजा पाठ कभी भी नहीं की जाती है शिवरात्रि के दिन पूरे क्षेत्र में स्थित शिवालियों में जबरदस्त भक्ति भाव दिखा किंतु इस अधूरे शिव मंदिर में रखें शिवलिंग की पूर्व अर्चना किसी ने भी नहीं की, यह शिवलिंग मंदिर के अंदर एक कोने में उपेक्षित पड़ा हुआ है अधूरे मंदिर में जमीन पर देवी देवताओं को रखने वालों को यह याद भी नहीं रहा होगा कि उन्होंने मंदिर के अंदर शिवलिंग और देवी देवताओं की प्रतिमा रखी है ऐसे लोगों ने सिर्फ झूठा दिखावा कर श्रद्धालुओं की आस्था को प्रभावित किया है छठ पूजा में हजारों की संख्या में श्रद्धालु भक्त जन छठ घाट पहुंच कर पूजा अर्चना करते हैं ऐसे समय में राजनीतिक दलों के नेता बढ़-चढक़र अपनी उपलब्धि बताने में कोई कोर कसर बाकी नहीं रखते स्थानीय स्तर पर छठ पूजा करने वालों की संख्या दिन पर दिन बढ़ते जा रही है इन भक्तों में राजनीतिक दलों को अपना वोट बैंक नजर आता है छठ पूजा के दौरान जब छठ घाट में हजारों श्रद्धालु उगते और डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर इस पावन पर्व को मनाते हैं। तब यह नेता उनकी सेवा में लगे रहने का दिखावा करते हैं छठ घाट पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ इस बात का प्रमाण है कि इस पर्व के प्रति लोगों की आस्था लगातार बढ़ रही है।हालांकि, श्रद्धा और सेवा भाव के नाम पर बड़े-बड़े वादे करने वाले जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी छठ पूजा खत्म होते ही अपने वादों को भूल जाते हैं। नगर पालिका शिवपुर चर्चा के छठ घाट और इससे जुड़े विकास कार्यों की अनदेखी इसी का उदाहरण है। वर्षों पूर्व छठ घाट पर सूर्य मंदिर और पार्क निर्माण की घोषणा की गई थी, लेकिन आज तक यह कार्य अधूरा ही है। छठ घाट नगर पालिका शिवपुर के चर्चा क्षेत्र में स्थित है, जिससे इसकी महत्ता और भी बढ़ जाती है।
नगर पालिका शिवपुर चर्चा के पिछले कार्यकाल में आनन-फानन में छठ पूजा के समय दिखावे के लिए सूर्य मंदिर का निर्माण तो करवा दिया गया, लेकिन उसमें न तो मूर्ति स्थापित की गई और न ही पूजा-पाठ की व्यवस्था की गई। सत्ता परिवर्तन के बाद नए जनप्रतिनिधियों ने मंदिर रंगाई पुताई कर दी और मंदिर में मूर्ति स्थापना कर पूजा पाठ शीघ्र प्रारंभ करने की बात कही थी, लेकिन अब तक किसी भी प्रकार की प्राण-प्रतिष्ठा नहीं हो सकी यह स्थिति जनभावनाओं के प्रति प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता को दर्शाती है।
जमीन पर पड़ी है देवी देवताओं की मूर्तियां
सूर्य मंदिर के अंदर जमीन पर देवी देवताओं की मूर्तियां व शिवलिंग पड़ी हुई है वहां की स्थिति देखकर लगता है कि कभी भी पूजा पाठ नहीं होता मंदिर के अंदर चारों तरफ कचरे का ढेर लगा हुआ है मंदिर के अंदर जमीन पर देवी देवताओं की मूर्तियां कर रख कर जानबूझकर उनका अनादर किया गया है जो की बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण एवं चिंता जनक है शिवलिंग और देवताओं की फोटो रखने के पहले यह सोच लेना चाहिए कि यदि वे स्वयं नियमित रूप से पूजा न कर सकें तो उन्हें मूर्ति रखने का भी कोई अधिकार नहीं है इस निंदनीय कृत्य से श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं।
भीड़ देखकर पहुंचते हैं नेता जनप्रतिनिधि
प्रतिवर्ष छठ पूजा के समय श्रद्धालुओं भक्तजनों की अपार भीड़ छठ घाट में पहुंचती है तब क्षेत्रीय राजनीतिक दलों के नेता वहां प्रकट हो जाते हैं और वह बढ़-चढक़र काम में सहयोग करते हैं किंतु छठ पूजा खत्म होते ही ,भीड़ के जाते ही ,दोबारा छठ घाट पहुंचने की जरूरत नहीं समझते इससे यह स्पष्ट है कि उनकी पूजा भावना सिर्फ और सिर्फ राजनीति से प्रेरित है। छठ घाट पर मंदिर के शुरू होने से क्षेत्र में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ेगी और असामाजिक तत्वों की गतिविधियों पर भी अंकुश लगेगा। साथ ही, सुबह-शाम भक्तों की उपस्थिति से यह स्थान और अधिक जीवंत हो जाएगा। प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को चाहिए कि वे अपने वादों को पूरा करें और श्रद्धालुओं की आस्था के प्रतीक इस घाट को उचित सुविधाओं से सुसज्जित करें। छठ घाट में जिन नेताओं जनप्रतिनिधि ने आम नागरिकों से छठ घाट के संबंध में वायदे किए हैं वे यह याद रखें की ऊपर वाले के यहां देर है, अंधेर नहीं। भगवान से झूठ बोलने वालों को निश्चित ही अपने झूठे वादों के प्रति प्रायश्चित करना पड़ेगा। छठ मैया के नाम पर जिन लोगों ने भी हेरा फेरी की है उनका हश्र बहुत ही बुरा हुआ है।