जांजगीर-चांपा। जमीन की खरीदी-बिक्री से वर्तमान वित्तीय वर्ष में पंजीयन विभाग को 100 करोड़ रुपए राजस्व आय का टारगेट मिला है। इसमें अब तक 75 फीसदी यानी 75 करोड़ रुपए ही आए हैं। ऐसे में यह लक्ष्य हासिल करने विभाग के पास मार्च का यह माह ही शेष बच गया है। अवकाशों के दौरान भी जिले में सभी उप पंजीयक कार्यालय खुले रहेंगे और पंजीयन का काम होगा। राजस्व प्राप्ति लक्ष्य का करीब 75 फीसदी लक्ष्य हासिल पाया है। शेष लक्ष्य की प्राप्ति के लिए विभाग के अधिकारियों को पसीना बहाना पड़ रहा है। इसके बाद 31 मार्च तक पडऩे वाले 6 अवकाश के दिनों में भी दफ्तर खुलेंगे। उल्लेखनीय है कि वित्तीय वर्ष 2023_ 24 की समाप्ति में अब 21 दिन ही शेष है। अविभाजित जांजगीर-चांपा और सक्ती जिले को मिलाकर जिला पंजीयक विभाग को वित्तीय वर्ष 2023-24 में 100 करोड़ रुपए आय का लक्ष्य मिला है। लेकिन इस साल जिस तरह से कम रजिस्ट्री हुई है उससे यह लक्ष्य हासिल कर पाना मुश्किल नजर आ रहा है। हालाकि सक्ती जिले में स्थिति थोड़ी अच्छी है। बताया जा रहा है कि नवंबर- दिसंबर का माह विस चुनाव के चलते जमीन की खरीदी-बिकी प्रभावित हुई। दफ्तरों में गिनती के रजिस्ट्री हुई। इसके बाद जनवरी माह में नया एनजीडीआरएस सिस्टम लागू कर दिया गया। जिसके बाद से परेशानी और बढ़ गई है। नए साफ्टवेयर के तहत पक्षकारों को ही सारा कुछ ऑनलाइन कराकर आना होता है जिससे परेशानी हो रही है। खयाल रहे कि हर साल 1 अप्रैल से जमीन की नई कीमतें तय होती है। यानी पूरे प्रदेश में नई गाइडलाइन जारी होती है। इसमें जमीन के भाव ऊपर-नीचे होते हैं। ऐसे में मार्च माह में लोग ज्यादा जमीन की खरीदी-बिक्री करना चाहते हैं ताकि अगर नई गाइडलाइन में अगर जमीन के रजिस्ट्री के दाम बढ़ जाते हैं।