बलरामपुर। बलरामपुर जिले के रामचंद्रपुर विकासखंड में 12 दिन के भीतर विशेष संरक्षित पंडो जनजाति के पांच लोगों की मौत हो गई। शरीर में खून की कमी,बुखार, क्षय रोग के अलावा प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा की मृत्यु हुई है। इन मौतों के बाद पंडो समाज के लोगों को मिलने वाली सुविधाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही बरतने की शिकायत सरगुजा संभागायुक्त जीआर चुरेंद्र व संयुक्त संचालक स्वास्थ्य अनिल शुक्ला से की गई है। पंडो बहुल ग्रामों में अभी भी लोग मौसमी बीमारियों से पीडि़त हैं। रामचंद्रपुर ब्लाक पंडो बहुल है। शिक्षा और स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता की कमी से स्वास्थ्यगत परेशानियां अक्सर आती है। कम आयु में विवाह, पौष्टिक भोजन की कमी के कारण ये कई प्रकार की बीमारियों से ग्रसित हो जाते है। तीन वर्ष पूर्व इसी क्षेत्र में पंडो समाज के कई लोगों की मौत अलग-अलग कारणों से हुई थी। उसके बाद प्रशासन ने गांव-गांव में शिविर लगाने के साथ ही बीमार लोगों के उपचार के लिए अंबिकापुर से लेकर रायपुर तक व्यवस्था बनाई थी। स्थिति सामान्य होने के बाद ये सुविधाएं बंद हो गई। इसका परिणाम यह हुआ कि पंडो लोगों की फिर से मौत शुरू हो गई है।गांव-गांव में लोग बीमार है लेकिन उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिल पा रही है।