
रामानुजंगज। छत्तीसगढ़ को झारखंड से जोडऩे वाली अंबिकापुर-रामानुजगंज-गढ़वा राष्ट्रीय राजमार्ग नवनिर्माण की राह अब आसान होती दिख रही है। डबल इंजन की सरकार का असर है कि सडक़ परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय के क्षेत्रीय अधिकारी को सडक़ नवनिर्माण की सारी बाधाओं को दूर करने नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। वन भूमि व्यपवर्तन प्रस्ताव में व्याप्त कमियों को दूर करने संबंधित रिपोर्ट केंद्र सरकार को प्रस्तुत कर दी गई है। वन्य प्राणी खासकर हाथियों के लिए पांच अंडरपास निर्माण का स्थल चयन संबंधित प्रस्ताव भी भेज दिया गया है। उम्मीद की जा रही है कि केंद्र सरकार की ओर से वन भूमि व्यपवर्तन प्रस्ताव को मंजूरी दे दी जाएगी। इस प्रस्ताव के साथ ही राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग द्वारा सडक़ नवनिर्माण के लिए ठेका कंपनी को हस्तांतरित कर दिया जाएगा। निविदा की सारी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।
ठेका कंपनियों से अनुबंध भी किया गया है। मालूम हो कि लगभग 597 करोड़ की इस बड़ी योजना की स्वीकृति पहले ही मिल चुकी है। राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग ने दो चरण में होने वाले कार्य के लिए निविदा पूरी कर ली है लेकिन सडक़ नवनिर्माण के लिए वन विभाग से अनुमति नहीं मिल पाने के कारण ठेका कंपनी को नवनिर्माण के लिए सडक़ को हस्तांतरित नही किया गया है।सडक़ का ज्यादातर हिस्सा वन क्षेत्र में पड़ता है। वनक्षेत्र से होकर गुजरी सडक़ नवीनीकरण का कार्य नहीं होने से आवागमन में लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है लेकिन अब शीघ्र ही काम शुरू होने की संभावना है। अंबिकापुर रामानुजगंज राष्ट्रीय राजमार्ग पर वन भूमि व्यपवर्तन प्रस्ताव को लेकर कुछ कमियां निकाली गई थी इसके तहत राष्ट्रीय राजमार्ग तथा वन का अलग-अलग सीमा निर्धारित कर प्रस्ताव प्रेषित करने कहा गया था। जंगल से सडक़ की कितनी दूरी है इस संबंध में विस्तृत जानकारी मांगी गई थी। इसके अलावा वन्य प्राणियों खासकर जंगली हाथियों के सुरक्षित तरीके से सडक़ पार करने को लेकर विभागीय कार्य योजना को लेकर भी जानकारी मांगी गई थी। दोनों जानकारियां भेज दी गई हैं । पहले हाथियों के लिए तीन अंडर पास का प्रस्ताव था जिसे बढ़ाकर पांच किया गया है। खबर है कि राज्य सरकार की ओर से बीते 22 मई को ही केंद्र सरकार को रिपोर्ट भेज दी गई है जिसमें फॉरेस्ट क्लीयरेंस का आग्रह किया गया है। केंद्रीय परिवहन मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग 343 के लिए लगभग 597 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई है। दो वर्ष बीत चुके हैं। इस राशि से अंबिकापुर से रामानुजगंज-गढ़वा मार्ग पर बडक़ीमहरी से रामानुजगंज खंड में 199.5 करोड़ रुपये की लागत से 29.43 किमी सडक़ के उन्न्ययन और अंबिकापुर से रामानुजगंज-गढ़वा मार्ग पर रजपुरीखुर्द पाढ़ी खंड में 397.44 करोड़ रुपये की लागत से 49 किमी सडक़ निर्माण का कार्य किया जाना है। निर्माण से लोगों को आवागमन में सुविधा होगी। राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग द्वारा सडक़ नवनिर्माण कार्य को लेकर जितनी भी जानकारियां मांगी गई थी उसे प्रेषित कर दी गई है।ये सारे प्रोजेक्ट लगभग 1000 करोड़ के हैं। मनेन्द्रगढ़ मार्ग पर संजयनगर से रजपुरी खुर्द तक 13 किमी के बाइपास सडक़ के लिए केंद्र सरकार द्वारा 143.94 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई है। इस स्वीकृत राशि से पेव्ड शोल्डर के साथ दो लेन सडक़ का निर्माण किया जाना है। बाइपास सडक़ मनेन्द्रगढ़ रोड में टाटा मोटर्स के समीप से किया जाएगा, जो राजपुर रोड में रजपुरी खुर्द में जाकर निकलेगी। इस सडक़ के निर्माण से भारी वाहनों का शहर में प्रवेश नहीं होगा। इस बाइपास से कटनी-गुमला राष्ट्रीय राजमार्ग सीधे अंबिकापुर-गढ़वा राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़ जाएगा। अंबिकापुर – पत्थलगांव राष्ट्रीय राजमार्ग पर सीतापुर और पत्थलगांव में भी बाईपास निर्माण का प्रस्ताव है। यहां भी निविदा की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है अति शीघ्र काम आरंभ होने की संभावना है। अंबिकापुर-रामानुजगंज राष्ट्रीय राजमार्ग के सुदृढ़ीकरण के लिए दो चरण में काम होना है। वन क्षेत्र से होकर सडक़ के गुजरने के कारण अनुमति जरूरी है। पूर्व में प्रेषित प्रस्ताव पर कुछ कमियां बताई गई थी, उन कमियों को दूर करने , हाथियों के लिए अंडर पास निर्माण जैसे प्रस्ताव भेज दिए गए हैं।अनुमति मिलते ही ठेका कंपनी को सडक़ हस्तांतरित कर दिया जाएगा। शीघ्र कार्य आरंभ होने की संभावना है क्योंकि ठेका कंपनी से पहले ही अनुबंध किया जा चुका है।