बेंगलुरू। राम मंदिर और हनुमान ध्वजा के मुद्दे पर बुधवार को कर्नाटक विधानसभा में विपक्षी दल भाजपा और सत्तारूढ़ कांग्रेस के सदस्यों के बीच तीखी बहस हुई है। राज्य में कानून और व्यवस्था पर चर्चा के दौरान कांग्रेस के सदस्यों ने दावा किया कि भाजपा असली कारसेवकों का अपमान कर रही है। कांग्रेस अध्यक्ष खरगे के बेटे प्रियंक खरगे ने कहा कि भाजपा पहले शंकराचार्यों की आपत्तियों का जवाब दे। इस पर भाजपा नेता अशोक ने कहा कि कांग्रेस ने मंदिर के उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति को मुख्य अतिथि नहीं बनाने पर आपत्ति उठाई थी। वहीं भाजपा सदस्य सुनील कुमार ने कहा कि राम मंदिर हमारा मुद्दा है। इसके लिए हमारी प्रतिबद्धता थी।
हमने ही कहा था कि हम मंदिर वहीं बनाएंगे, लिहाजा हमने ऐसा करना सुनिश्चित किया है। विपक्ष के नेता आर. अशोक ने सिद्धारमैया सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति को जानबूझकर कमजोर किया गया। अशोक ने 1992 में रामजन्मभूमि आंदोलन में हुई हिंसा से जुड़े श्रीकांत पुजारी को कारसवेक कहते हुए उनकी गिरफ्तारी का जिक्र किया तो कांग्रेस विधायकों ने उन्हें कारसेवक कहे जाने पर आपत्ति जताई। अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा से पहले पुजारी की गिरफ्तारी पर कांग्रेस ने उन्हें आपराधिक पृष्ठभूमि का बताया।साथ ही कहा कि उन पर जुआ खेलने के आरोप हैं। इस पर कांग्रेस विधायकों ने दावा किया कि भाजपा पुजारी को कारसेवक बताकर असली कारसेवकों का अपमान कर रही है। जबकि भाजपा विधायकों का आरोप है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने प्राण प्रतिष्ठा से पहले रामजन्मभूमि से जुड़े लोगों को झूठे मामलों में फंसाकर गिरफ्तार किया है।