चंडीगढ़, २२ अक्टूबर ।
पंजाब में चार सीटों पर उपचुनाव से पहले राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए डेरा सिरसा प्रमुख गुरमीत सिंह के खिलाफ तीन मामलों में मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है। धारा 295ए में मुकदमा चलाने के लिए सरकार से मंजूरी लेना जरूरी था। रोहतक की सुनारिया जेल में बंद डेरा प्रमुख को पंजाब लाने का रास्ता साफ हो गया है। गुरमीत पर जुलाई 2015 में बुर्ज जवाहर सिंह वाला में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की पवित्र बीड़ चोरी होने, कुछ दिनों के पश्चात श्री गुरु ग्रंथ साहिब के अंग फाडक़र गलियों में फेंकने और अक्टूबर 2015 में बहिबल कलां में श्री गुरु ग्रंथ साहिब के अंग फाड़े जाने के बाद बरगाड़ी में प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने के मुकदमे चलेंगे।
मुख्यमंत्री भगवंत मान राज्य के गृहमंत्री भी हैं। मान ने यह फैसला उस समय लिया है जब सुप्रीम कोर्ट ने तीन दिन पहले सिरसा डेरा प्रमुख के खिलाफ केस चलाने की अनुमति दे दी। लगभग ढाई वर्ष पहले पुलिस ने सिरसा डेरा प्रमुख के खिलाफ केस दर्ज करने की अनुमति मांगी थी परंतु हाई कोर्ट ने तीनों मामलों पर रोक लगा दी थी। आप सरकार इस दिशा में कोई कदम नहीं उठा रही थी। इसे लेकर उसकी काफी फजीहत हो रही थी। आप पार्टी के विधायक कुंवर विजय प्रताप सिंह ने भी सरकार के इस रुख की आलोचना की थी। विपक्ष यह आरोप लगा रहा था कि इन मामलों में आप सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर पा रही है।
लोकसभा चुनाव में आप सरकार को लोगों के विरोध का भी सामना करना पड़ा था और आप को केवल तीन सीटें ही हासिल हुई थीं।दो साध्वियों से यौन शोषण के मामले में राम रहीम 20 साल की सजा काट रहा है। इसके अलावा सिरसा के पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड में राम रहीम समेत चार दोषियों को उम्रकैद की सजा हो चुकी है। 25 अगस्त 2017 को राम रहीम को साध्वियों के यौन शोषण मामले में सजा सुनाई गई थी। कोर्ट के आदेश के बाद हरियाणा के पंचकूला में जमकर हिंसा फैली थी।
इसमें करीब 40 लोगों की जान गई थी। हालांकि, सजा होने के बाद से राम रहीम कई बार पैरोल पर बाहर आ चुका है। हाल ही में उसे 20 दिन की पैरोल मिली थी।