
कोरबा। हिन्दी को उसका वास्तविक अधिकार दिलाने के लिए अखिल भारतीय स्तर पर प्रयास चल रहे हैं। अब यह आंदोलन का रूप ले रहा है। 76 वें हिन्दी दिवस को इसका सशक्त माध्यम बनाया गया है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में विभिन्न क्षेत्रों के हिन्दी प्रेमी प्रदर्शन करने के साथ हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने की मांग करेंगे।
14 सितंबर को एक बार फिर हिन्दी दिवस मनाने की सरकारी परंपरा निभाई जाएगी, जिसकी शुरूआत वर्ष 1949 में की गई थी। भारत के परिप्रेक्ष्य में केवल हिन्दी के लिए कोई एक दिन कैसे निर्धारित हो सकता है, उसके लिए कई प्रकार के तर्क दिए जा रहे हैं और विरोध जताया जा रहा है। प्रेरणा हिन्दी प्रचारिणी सभा ने हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए पुरजोर कोशिश शुरू की है। अपने साथ विभिन्न क्षेत्रों के लोगोंं को जोड़ा है जो अपने दैनिक जीवन के साथ अन्य कामकाज और व्यवहार में हिन्दी भाषा का उपयोग करते हैं। यह कई स्वरूप में व्यवहार में उपयोगी बनी हुई है। साहित्यिक, सामाजिक और सांस्कृतिक संस्थाओं का सहयोग अभियान को आगे बढ़ाने में प्राप्त हो रहा है। ये सभी मिलकर 14 सितंबर 2024 को नई दिल्ली में हिन्दी को राष्ट्र भाषा का सम्मान दिलाने के लिए प्रदर्शन करेंगे। जंतर मंतर में उनका प्रदर्शन होगा। प्रेरणा हिन्दी प्रचारिणी सभा के संस्थापक संगम त्रिपाठी ने बताया कि इस बार बड़ी उपस्थिति संभावित हैं, ताकि अपनी बात सरकार तक पहुंचायी जा सके। प्रदर्शन में नई दिल्ली, राजस्थान, छत्तीसगढ़ मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल, गुजरात, हिमाचल समेत विभिन्न राज्यों के लोग अपनी उपस्थिति के साथ इस अभियान को मजबूती देंगे।