
कोरिया बैकुंठपुर। इंटरनेशनल नेचुरोपैथी आर्गेनाइजेशन सूर्या फाउंडेशन एवं भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के संयक्त तत्वावधान में सातवें प्राकृतिक चिकित्सा दिवस के उपलक्ष में विकसित भारत 2047 में नेचुरोपैथी-योग का योगदान विषय पर राष्ट्रीय महाअधिवेशन का आयोजन 18 नवंबर 2024 को तालकटोरा इंडोर स्टेडियम, नई दिल्ली में किया गया। सम्मेलन का उद्घाटन अर्जुनराम मेघवाल केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री ने दीप प्रज्ज्वलित करके किया। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जे.पी. नड्डा और आयुष मंत्री प्रतापराव जाधव ने आनलाइन कार्यक्रम में भाग लिया। इस सम्मेलन में लोकसभा सांसद भोला सिंह, जैन धर्मगुरु आचार्य लोकेश मुनि और कर्नाटक के पंचमशाली पीठ के जगतगुरु श्रीश्री वचनानंद स्वामी,डॉ अनंत बिरादर अध्यक्ष आईएनओ सूर्या फाउंडेशन, त्रिभुवन सिंह भी मौजूद रहे। सम्मेलन में प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए सात वरिष्ठ प्राकृतिक चिकित्सकों को सम्मानित किया गया।
इस सम्मेलन में छत्तीसगढ़ से प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्रों में जन-जन तक अपनी सेवाएं देकर विकसित भारत के संकल्प को मूर्त रूप देने सोलह सदस्यीय दल डॉ. छगनलाल सोनवानी राज्य संयोजक व मनोज ठाकरे राज्य कनविनर के मार्गदर्शन में सम्मिलित हुए इनमें जिला संयोजक डॉ. अरुण कुमार शुक्ला जिला कोरिया,संजय वस्त्रकर जिला कांकेर,संजय मिश्रा जिला जगदलपुर,आदित्य टंडन जिला बालोद,डॉ मेघराज साहू जिला दुर्ग,मन्थिर दास जिला राजनांदगांव,सिकंदर रजक जिला बिलासपुर एवं छत्तीसगढ़ में प्राकृतिक चिकित्सा सेवाएं देने वाले चिकित्सक डॉ अनिता धानेश्वर,डॉ प्रमोद नामदेव व अंतरराष्ट्रीय नेचुरोपैथी ऑर्गेनाइजेशन के सदस्य मानस साहू डोंगरगढ़,बलराम जोशी रायपुर,अविनाश लहरे बिलासपुर,रामचन्द्र कोर्राम बीजापुर,शिवराम मौर्य आदि सम्मिलित हुए।
इस अवसर पर श्री नड्डा ने कहा कि सरकार पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों के विकास और अनुसंधान की दिशा में लगातार काम कर रही है। श्री जाधव ने कहा कि सरकार को प्राकृतिक चिकित्सा के कई प्रस्ताव मिले हैं,जिन पर मंत्रालय सक्रिय रूप से काम कर रहा है और आश्वासन दिया कि इन प्रयासों के परिणाम जल्द ही दिखाई देंगे। सूर्या फाउंडेशन के अध्यक्ष पद्मश्री जयप्रकाश अग्रवाल ने प्राकृतिक चिकित्सा का अभ्यास करने वाले प्रत्येक चिकित्सक को अपने रोगियों को स्वास्थ्य लाभ देने से पहले इन प्रथाओं को अपने जीवन में अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक प्राकृतिक चिकित्सा चिकित्सक को जल चिकित्सा, उपवास, मिट्टी चिकित्सा और फल-आधारित आहार जैसी चिकित्सा को सप्ताह में कम से कम एक बार अपने दैनिक जीवन में शामिल करना चाहिए। अंतर्राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अनंत बिरादर ने विकसित भारत 2047 में प्राकृतिक चिकित्सा के योगदान विषय के महत्व पर जोर दिया।
उन्होंने सभी प्राकृतिक चिकित्सा डॉक्टरों के पंजीकरण और प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग अस्पतालों के लिए अनुदान सहायता को फिर से शुरू करने पर जोर दिया। उन्होंने आयुष्मान भारत योजना के तहत योग और प्राकृतिक चिकित्सा प्रणाली को शामिल करने की भी मांग की ताकि ये लाभ सभी वर्गों के लोगों तक पहुंच सकें।