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नईदिल्ली, 0६ फरवरी ।
केंद्र सरकार की मेक इन इंडिया पहल पर टिप्पणियों के लिए भाजपा ने बुधवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी की आलोचना की। पार्टी ने कहा कि कांग्रेस नेता ने अंतत: भले ही संप्रग सरकार की विफलताओं को स्वीकार कर लिया हो, लेकिन भारत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में बर्बाद हुए दशक से आगे बढ़ चुका है।लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने एक्स पर पोस्ट में कहा था कि सदन में अपने भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने मेक इन इंडिया का उल्लेख नहीं किया। प्रधानमंत्री को मान लेना चाहिए कि यह पहल विफल हो चुकी है। राहुल ने यह भी कहा कि हाल के समय में कोई भी सरकार, चाहे वह संप्रग सरकार रही हो या राजग की, नौकरियां देने की राष्ट्रीय चुनौती पर खरी नहीं उतर सकीं। हमें ऐसे विजन की जरूरत है जो हमारे विनिर्माण क्षेत्र के पिछड़ेपन को दूर कर सके और भविष्य की वैश्विक आर्थिकी में प्रतिस्पर्धी बनने के लिए तैयार कर सके। उन्होंने कहा कि भारत को इलेक्ट्रिक मोटर, बैटरी, आप्टिक्स और एआई जैसी उभरती हुई तकनीकों पर खास फोकस करना चाहिए। भाजपा के आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने मोदी सरकार के तहत विभिन्न क्षेत्रों में हुई प्रगति को रेखांकित करने के लिए आंकड़ों का हवाला दिया। उन्होंने एक पोस्ट में कहा, आंकड़े खुद बोलते हैं- विनिर्माण बढ़ रहा है, नौकरियां सृजित की जा रही हैं और भारत उत्पादन का वैश्विक केंद्र बन रहा है। भाजपा नेता ने कहा, यह अच्छा है कि राहुल गांधी ने आखिरकार वह तथ्य स्वीकार कर लिया है जो पूरा देश पहले से जानता था कि एक दशक तक सत्ता में रहने बाद भी संप्रग नौकरियां सृजित करने और भारत के विनिर्माण के आधार को मजबूत करने में विफल रहा। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने इस बात को अनदेखा कर दिया कि उनकी पार्टी ने भारत की आर्थिकी को भविष्य के लिए तैयार करने के लिए कुछ नहीं किया। कांग्रेस ने देश की औद्योगिक वृद्धि को कमजोर किया।कांग्रेस के विनाशकारी दृष्टिकोण का एक उदाहरण 2006 का है जब इंटेल भारत में चिप प्लांट लगाना चाहती थी और संप्रग सरकार नीतिगत फैसलों को विलंबित करती रही और इंटेल को अपना निवेश चीन और वियतनाम ले जाने के लिए मजबूर होना पड़ा।
इस एक विफलता ने सेमीकंडक्टर निर्माण में भारत को दशकों पीछे कर दिया।मालवीय ने रिजर्व बैंक के केएलईएमएस डाटा के हवाले से बताया कि 2014 से 2024 तक अतिरिक्त 17.9 करोड़ नौकरियां सृजित की गईं, जबकि 2004 से 2014 तक सिर्फ 2.9 करोड़ नौकरियां सृजित की गई थीं। दशकों तक कांग्रेस की नारेबाजी के उलट राजग सरकार महत्वपूर्ण तकनीकों के लिए क्षमता निर्माण में सक्रियता से निवेश कर रही है। इसके अतिरिक्त पुराने पड़ चुके 1,550 कानूनों और 40 हजार अनावश्यक अनुपालनों को खत्म कर दिया गया है।सरकार ने उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआइ) योजना जैसे साहसिक सुधार भी किए हैं जो 14 प्रमुख क्षेत्रों व अत्याधुनिक तकनीकों को बढ़ावा दे रहे हैं। कांग्रेस का दृष्टिकोण समस्याओं पर आंसू बहाने का था, लेकिन मोदी सरकार उनका समाधान करती है।