हाथरस, १८ दिसम्बर ।
चार वर्ष पहले जिले के बूलगढ़ी में हमले से मृत युवती के परिवार का दर्द कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी लगातार उठा रहे हैं। पांच दिन पहले पीडि़त परिवार से मिलने का वीडियो मंगलवार को एक्स पर पोस्ट किया है। इसमें परिवार का दर्द सुनने और महसूस करने की बात लिखी है। यह भी लिखा है कि परिवार आज भी दहशत में हैं। परिवार की स्थिति इस बात की पुष्टि करती है कि अनुसूचित जाति को न्याय मिलना बेहद मुश्किल है। वह परिवार के साथ हैं। परिवार को दूसरे स्थान पर घर देंगे साथ ही हर ज़रूरी सहायता देंगे। इससे पहले वे इस मामले को संसद में भी उठा चुके हैं।मृत युवती के परिजनों से वे गुरुवार को गांव आकर मिले थे। वह 45 मिनट तक उनके घर रुके। एक्स पर पोस्ट किए गए करीब 12 मिनट के वीडियो में वे परिवार से बातचीत करते हुए दिखाई दे रहे हैं। इसमें युवती के परिजनों कह रहे हैं कि देश-दुनिया ने देखा है कि रात में बेटी का अंतिम संस्कार किया गया। प्रशासन ने जो लापरवाही की, उन पर भी कार्रवाई नहीं की गई। हम हिंदू हैं हमारी कुंवारी बेटी को पेट्रोल डालकर जला दिया गया। ये कैसी नारी सुरक्षा है। संविधान के हिसाब से कुछ नहीं चल रहा है। सरकार अपनी मर्जी से चलाई जा रही है। हम छोटी जाति से हैं तो इसमें हमारा क्या कसूर है। वीडियो में युवती की मां कह रही हैं कि अगर मेरी बेटी के साथ ये सब न हुआ होता तो मैं बेटी का विवाह कर देती। हम लोगों को बहुत सताया गया है। उन्होंने दुनिया को दिखाया कि हमारे परिवार को उन्होंने नौकरी दी है, घर दिया है, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ ही नहीं है। पीडि़ता की भाभी कह रही हैं कि 25 लाख रुपये हमें दे दिए गए, हम चार साल से कैद काट रहे हैं। क्या योगी जी इन पैसों से कैद काट सकते हैं। अगर उन्होंने कुछ दिया होता तो पिछले चार साल से हम जेल जैसा जीवन नहीं बिता रहे होते। बाजार से सामान लेने जाना हो तो सीआरपीएफ को लेटर लिखना पड़ता है। एक आरोपी जेल में है। तीन छूट कर बाहर आ गए हैं। गांव में अनुसूचित जाति के चार घर हैं। दो घर के लोग डर की वजह से यहां से चले गए हैं। न्यायालय ने आदेश दिया है कि परिवार के एक सदस्य को नौकरी और घर दिया जाए वह भी नहीं मिला है।
युवती की मां और भाभी बता रही हैं कि हमारी मेरी बेटी बहुत सीधी थी। इन लोगों ने अफवाह उड़ाई… वह लडक़ों से बात करती थी। शांपिंग के लिए जाती थी। उसे किसी से कोई मतलब नहीं रहता था। फोन पर इंग्लिश में नंबर आ गया तो भाभी से पूछने आती थी ये किसका नंबर है। ऐसे बेटी पर कोई कैसे आरोप लगा सकता है। इस परिवार का मामला शुक्रवार केा प्रियंका गांधी वाड्रा ने यह मुद्दा सदन में उठाया था। शनिवार को राहुल गांधी भी लोकसभा में इस मुद्दे पर बोले थे।अनुसूचित जाति के परिवार की युवती पर 14 सितंबर 2020 को हमला हुआ था। इसके भाई ने गांव के ही संदीप के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। बाद में युवती के बयानों के आधार पर गांव के तीन युवकों के नाम और धाराएं बढ़ाई गईं। 29 सितंबर 2020 को युवती की दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत के बाद देशभर में प्रदर्शन हुए। इस दौरान राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा परिजनों से मिलने आए थे। सीबीआई ने प्रकरण की जांच की और आरोप पत्र विशेष न्यायालय एससी-एसटी अधिनियम में दाखिल किया। स्थानीय न्यायालय से तीन आरोपियों को निर्दोष माना और बरी कर दिया। मुख्य आरोपी संदीप को धारा 304 और एससी-एसटी एक्ट के तहत दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। वह जेल में है।