कोरबा। रेल संघर्ष समिति एक बार फिर योजना बना रही है कि वह रेलवे को उसके झूठे वादे को लेकर घेर सकती है। कोरबा और गेबरा रोड से कई गाडिय़ां बंद पड़ी है लेकिन रेलवे के अधिकारी द्वारा लिखित रूप से बताया गया कि सभी गाडिय़ां चल रही है। इस जानकारी के सार्वजनिक होने के बाद लोगों का गुस्सा कुछ हद तक फूटा है।
हाल में ही इस तरह की जानकारी सामने आई है कि कोरबा क्षेत्र की चार रेल परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है और जल्द ही इस तरफ काम शुरू होना है। सामान्य तौर पर इस प्रकार की घोषणाओं से लोग खुश हो जाते हैं लेकिन कोरबा के मामले में यह मामला बिल्कुल उल्टा है। कारण बताया जा रहा है कि पहले से ही रेल यात्रियों को सुविधा देने के मामले में कोरबा की उपेक्षा दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे कर रहा है। नियमित ट्रेनों को बार-बार बंद करने से लोग परेशान है। कॉलफील्ड इलाके की हजारों की जनता लंबे समय से सुविधाओं का लाभ नहीं ले पा रही है। कोरबा जिले में सडक़ संपर्क को लेकर भी अनंत शिकायतें हैं और ऐसे में लोगों के समक्ष रेलवे ही एकमात्र विकल्प बच जाता है। इस पर भी रेल गाडिय़ों के संचालन को लेकर नीति विरोधाभासी बनी हुई है जिससे लोग बेहद नाराज हैं। लोगों का कहना है कि अगर रेलवे ट्रैक पर केवल मालगाडिय़ां ही दौड़ाई जानी है तो फिर यात्री सुविधाओं के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर पर अनावश्यक रुपए खर्च करने का क्या मतलब है।