सक्ती। छत्तीसगढ़ राजस्व पटवारी संघ छत्तीसगढ़ के प्रांतीय आह्वान पर राजस्व पटवारी संघ ने पूर्व से लंबित मांगों पर सरकार के अनदेखा रवैया से पूरे प्रदेश के पटवारी सोमवार 16 दिसंबर से सभी प्रकार के ऑनलाइन कार्यों का बहिष्कार कर दिया है। इसी तारतम्य में पटवारी संघ सक्ती के पटवारी भी ऑनलाइन कार्य के अनिश्चित कालीन बहिष्कार का तहसीलदार को ज्ञापन सौंपकर अपना डीएससी टोकन जमा किया और मांग पूरी होने तक ऑनलाइन कार्य नहीं करने की बात कही है।
विगत दिनों पटवारियों द्वारा अपनी कई मांगों को लेकर हड़ताल किया गया था, जिसे राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा के आश्वाशन पर स्थगित किया गया था, किंतु आज पर्यन्त उन मांगो पर ध्यान नहीं दिया गया जिससे हताहत पूरे प्रदेश के पटवारी संसाधन नहीं तो काम नहीं के तर्ज पर लामबंद हो गए हैं।
तहसील अध्यक्ष प्रमोद कुमार चंद्रा द्वारा बताया गया कि पिछले एक दशक से शासन द्वारा राजस्व विभाग के कार्य हेतु भुइयां पोर्टल बनाया गया जिसमें सभी कार्य ऑनलाइन किए जा रहे हैं किंतु पटवारियों को इस कार्य के लिए आज तक कोई भी साधन संसाधन नहीं दिया गया है। उनके द्वारा बताया गया कि आज भी उन्हें दोगुना बोझ उठाना पड़ रहा है एक तरफ भुइयां पोर्टल में कार्य करने के लिए लैपटॉप, स्कैनर, प्रिंटर, नेट चाहिए वहीं न्यायालयीन प्रतिवेदन हेतु विभिन्न स्टेशनरी की आवश्यकता पड़ती है, जब से भुइयां पोर्टल आया है तब से ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों प्रकार के रिकॉर्ड को संरक्षित किया जाता है, जिस कारण समय के साथ साथ संसाधन हेतु हमें अपने आप से लडऩा पड़ रहा है। सभी आंदोलन में प्रमुख मांग संसाधन की ही रही है लेकिन शासन प्रशासन से आज पर्यन्त आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला। उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती है तब वे हड़ताल पर रहेंगे। इसी कड़ी में सक्ती तहसील के सभी पटवारी काले वख पहनकर तहसील कार्यालय पहुंचकर अपना विरोध दर्ज किया। ज्ञापन सौंपने वालों में सत्य नारायण राठौर, युनुस परवेज अहमद, हेमंत देवांगन, जय कुमार देवांगन, हरिशंकर सिदार, महेंद्र चंद्रा, नमेंद्र मैत्री, राजेंद्र सिदार, राम कुमार आजाद, राहुल कुमार जांगड़े, भूपेंद्र बरेठ, श्याम सिंह मरकाम, अमित त्रिपाठी, मंगलू राम उरांव, सुनीता राठिया, स्वर्णलता जांगड़े उपस्थित रहे।