
लटोरी। सूरजपुर जिले के लटोरी चौक में स्थित छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक में शाखा प्रबंधक की कार्यप्रणाली से उपभोक्ताओं को आए दिन परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसके चलते ग्रामीण अंचल से आने वाले उपभोक्ता इस बैंक की सेवाओं से असंतुष्ट हैं। बैंक में खाता खुलवाने के लिए जाने वाले ग्राहकों को कई दिनों तक दस्तावेज के नाम पर घुमाया जाता है और अंत में शाखा प्रबंधक के द्वारा ऐसे ग्राहकों को कियोस्क से खाता खुलवाने की सलाह दी जाती है जबकि उन्हें बैंक के सारे नियम मालूम होने के बाद भी कि कियोस्क में केवल छोटे खाते ही खोले जाते हैं।
ऐसे में बड़े खाते खोलने वाले ग्राहकों को सप्ताह भर परेशान होने के बाद कियोस्क में जाने की सलाह देना उचित नहीं है। ग्राहकों ने आरोप लगाया है कि इस बैंक का चतुर्थ वर्ग कर्मचारियों शराब के नशे में रहता है। बैंक के आसपास ही अपने साथियों के साथ यह कर्मचारी शराब पीता है। इसका वीडियो भी इंटरनेट मीडिया में प्रसारित किया गया है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों से किराया लगा कर आने वाले उपभोक्ता काफी परेशान होते हैं। बैंक प्रबंधक द्वारा कभी कैश न होना तो कभी लिंक न होने के साथ हर शनिवार व बुधवार को लेन-देन बंद होने की बात कहकर उपभोक्ताओं को रवाना कर दिया जाता है। माह के पहले व तीसरे बुधवार को लेन-देन बंद व माह का आरबीआइ की गाइडलाइन के अनुसार दूसरा व चौथा शनिवार को बैंक बंद रखने का है, लेकिन चौथे बुधवार को भी बैंक में लेन देन बंद रखा गया। ऐसे में इस आदिवासी अंचल के ग्रामीणों को अपने छोटे-छोटे कामों के लिए आए दिन परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अपनी रोजी,मजदूरी छोडक़र कई कई दिन ग्रामीणों को बैक के चक्कर काटने पड़ते हैं।बैंक में जमा व निकासी की सुचारु व्यवस्था न होने के चलते ग्राहकों को घंटों लाइन में खड़े रहकर इंतजार करना पड़ता है। मनरेगा मजदूरों व पेंशन तथा छात्रवृत्ति के खाते खुले हैं जिनका समय पर लेनदेन नहीं होता है। बैंक खुलते ही ग्राहकों की भारी भीड़ एकत्रित हो जाती है। लंबी लाइन बैंक शाखा के बाहर तक लग जाती है तथा ग्राहकों को इंतजार करना पड़ता है। लोगों का आरोप है कि आए दिन बदलते नियम और उनके बारे में ग्राहकों को सूचना नहीं देना और फिर झल्लाकर जवाब देना, यह बैंककर्मियों के स्वभाव में शामिल हो गया है। ग्रामीण बैंक के खाताधारकों ने बताया कि उन्हें माह के शनिवार बुधवार व रविवार को ग्रामीण बैंक की सेवाओं का लाभ ही नहीं मिलता क्योंकि इस दिन बैंक में लेन-देन नहीं किया जाता और एक दिन अगर किसी शासकीय अवकाश में चला गया तो बस अगले दिन कैश न होने जैसी बात सुनने को मिल जाएगी।