
जोधपुर, १२ जनवरी ।
पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय जोधपुर के बहुचर्चित लवली कंडारा और पुलिस के बीच हुई मुठभेड़ में गोली लगने से युवक की मौत के मामले में सीबीआई ने तत्कालीन रातानाडा थाना के थाना अधिकारी लीलाराम सहित पांच कर्मियों पर एफआईआर दर्ज की है। गहलोत सरकार के कार्यकाल में इस मामले की जांच सीबीआई की दी गई थी। इसकी जांच स्पेशल सेल द्वितीय के डीएसपी मोहिंदर राम करेंगे। इस मामले को आरएलपी सांसद हनुमान बेनीवाल ने संसद में भी उठाया था। दलित संगठनों ने भी इसके लिए आंदोलन किया था।दरअसल, 13 अक्टूबर 2021 को बनाड़ रोड पर दोपहर बाद नवीन उर्फ लवली कंडारा और पुलिस के बीच हुई मुठभेड़ में गोली लगने से लवली की मौत हो गयी थी। इस मामले में 9 जनवरी को सीबीआई ने यह एफआईआर दर्ज की है , जिसमें सीआई लीलाराम के अलावा रातानाड़ा थाने के तत्कालीन कांस्टेबल जितेंद्र सिंह , किशन सिंह , अंकित और विशाल को नामजद किया गया है। मामले की जांच सीबीआई से करवाने के लिए नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल लगातार प्रयासरत थे। लवली के परिजनों ने हाल ही में फिर बेनीवाल से मुलाकात की थी। घटना के बाद कुछ वीडियो वायरल हुए थे , जिसके आधार पर परिजनों ने पुलिस पर आरोप लगाया कि लीला राम ने जानबूझकर लवली को गोली मारी, जबकि इसकी जरूरत नहीं थी। परिजनों ने सीधा लीला राम सहित अन्य पर उसकी हत्या का आरोप लगाया था । घटना के विरोध में जोधपुर में आंदोलन भी हुआ था और धरना दिया गया था।
इसके बाद 17 अक्टूबर को कमिश्नर जोश मोहन ने लीला राम सहित पांचों को निलंबित किया गया। इस मामले में 26 अक्टूबर को डीसीपी ईस्ट भुवन भूषण ने लीला राम सहित 5 पुलिस कर्मियों को बहाल कर दिया ।13 अक्टूबर को एनकाउंटर से पहले सेनापति चौराहा के पास लवली अपनी कार में था। लीलाराम सादी वर्दी में हाथ में पिस्टल लिए गाड़ी के पास गए और कांच तोडऩे की कोशिश की। इस दौरान लवली अपनी कार को भगा ले गया था। बनाड़ रोड पर पुलिस ने अपनी गाड़ी तेजी से आगे लेकर लवली की गाड़ी के आगे लगा दी और उसके बाद लीला राम बाहर निकले और फायर किया , जिसमें लवली की गोली लगी। इस दौरान लवली की गाड़ी में छह लोग थे , जिनमें से दो लोग मौके से भागने में कामयाब हुए थे। पुलिस लवली को घायल अवस्था में अस्पताल लेकर आई , जबकि तीन लोगों को गिरफ्तार किया था।