
रायपुर, १९ दिसम्बर । छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव जीतने के बाद अब भाजपा की नवगठित सरकार ने लोकसभा चुनाव के लिए जनहितैषी योजनाओं को धरातल पर उतारने का मोर्चा खोल दिया है। विष्णुदेव साय कैबिनेट की पहली बैठक में ही राज्य में 18 लाख पीएम आवासों के निर्माण की घोषणाा की गई है, जिनके निर्माण में 21 हजार 600 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसमें राज्य सरकार की हिस्सेदारी 8,600 करोड़ रुपये की होगी, वहीं केंद्र सरकार से 12960 करोड़ रुपये की सहायता दी जाएगी।योजना के हितग्राहियों के खातों में पहली किस्त जनवरी-फरवरी में डाले जाने की तैयारी भी की जा रही है, वहीं चुनाव के पहले पूरी किस्त भी मिल सकती है। ऐसा हुआ तो यह योजना लोकसभा चुनाव में भाजपा का प्रदेश में आधार बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। योजना के क्रियान्वयन से होने वाले राजनीतिक फायदे को देखते हुए सरकार ने प्रशासन को मिशन मोड में आने के निर्देश भी दिए हैं। पंचायत विभाग के अधिकारियों के मुताबिक केंद्र के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्रालय से पीएम आवास के लिए बजट आवंटन को लेकर पत्राचार शुरू हो चुका है। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत कुल 1.20 लाख रुपये के बजट का प्रावधान हैं, जो कि हितग्राही के खाते में सीधे आएगा। पुराने व नए सर्वे में शामिल हितग्राहियों को इसका लाभ मिलेगा। मैदानी क्षेत्रों में 1.20 लाख रुपये व पहाड़ी क्षेत्रों के लिए 1.30 लाख रुपये का बजट मिलेगा। 20 हजार रुपये नरेगा मद से व 12 हजार रुपये शौचालय के लिए प्रदान किए जाएंगे।प्रदेश में पूर्ववर्ती सरकार ने पीएम आवास के बदले ”मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास न्याय योजना” प्रारंभ की थी। इस योजना में ऐसे हितग्राहियों को शामिल किया गया था, जिन्हें मकानों की जरूरत तो थी, लेकिन 2011 की सर्वे सूची के अनुसार योजना के लिए पात्रता नहीं रखते हैं। चुनाव के पहले पिछली सरकार ने 10 लाख से ज्यादा परिवारों का सर्वे करा लिया था। भारत सरकार द्वारा सामाजिक आर्थिक एवं जातिगत जनगणना के आधार पर वर्ष 2016 से प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण लागू की गई। योजनान्तर्गत प्रदेश में स्थायी प्रतीक्षा सूची में कुल 18,75,580 लाख परिवार शामिल हैं, जिनमें से 11,76,146 परिवारों को बजट आवंटन में शामिल कर लिया गया था। इसके अलावा 6,99,439 प्रतीक्षा सूची में शामिल हितग्राहियों को भी शामिल किया गया है।