जांजगीर-चांपा। इन दिनों मौसम दो रस हो गया है। दिन में जहां गर्मी पड़ रही है तो वहीं रात होते ही ठंड बढऩे लगती है। ऐसे मौसम का लोगों की सेहत पर विपरीत असर पड़ रहा है। अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढऩे लगी है। जिला अस्पताल के ओपीडी में जहां भीड़ लग रही है, वहीं 100 बिस्तर भी कम पडऩे लगे है। वर्तमान में मरीजों की संख्या बढऩे से डॉक्टरों के साथ मरीज एवं उनके परिजनो को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
गौरतलब है कि जांजगीर जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल ठाकुर छेदीलाल जिला चिकित्सालय में प्रतिदिन औसतन 300 मरीज इलाज कराने के लिए पहुंच रहे है। इन दिनो मौसम दो रस हो गया है। दिन में गर्मी का एहसास हो रहा है, तो रात में ठंड लग रही है। दिन का तापमान 30 डिग्री के आसपास दर्ज किया जा रहा है, वहीं रात का तापमान 12 से 13 डिग्री पहुंच गया है। ऐसे में मौसमी बीमारी से प्रभावित मरीज बढ़ रहे है। जिनमें बुखार, सर्दी जुकाम, मलेरिया, टायफाइड सहित अन्य तरह के बीमारियो से प्रभावित मरीज बढ रहे है। इसे देखते हुए 100 बेड के जिला अस्पताल में ब्यवस्था को बनाकर आगे रखते हुए 160 द्घ बस्तर की व्यवस्था बनाई गई है। राज्य शासन के स्वास्थय एवं परिवार कल्याण विभाग के द्वारा स्वास्थय व्यवस्था बेहतर ढंग से बना रहे इस बात को ध्यान में रखकर करोड़ों रूपए खर्च कर दिए जा रहे है। इसके बावजूद आज भी जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में मरीजों का उपचार समुचित ढंग से नहीं हो पाता। जिला अस्पताल में ना केवल
जांजगीर बल्कि नवागढ, पामगढ, बम्हनीडीह, बलौदा एवं अकलतरा क्षेत्र से मरीज बड़ी संख्या में उपचार कराने के लिए पहुंचते है। ऐसे में जिला अस्पताल में भीड़ बढ़ रही है। भीड़ अधिक होने के कारण ओपीडी पर्ची कटाने से लेकर डॉक्टरों से इलाज कराने तक के लिए मरीजों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है।
मौसम परिवर्तन के साथ बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। मौसम में आए बदलाव के हिसाब से लोग अपने आप को नहीं ढाल पाते। जिसके कारण बीमारी की चपेट में आते है। इन दिनों वायरल फीवर का ज्यादा प्रकोप देखा जा रहा है। सदी के मौसम में बच्चों और बुजुगों के सेहत को लेकर सतर्क रहने की ज्यादा जरूरत है। सर्दी बढऩे पर दमा और श्वांस रोग के मरीजों को खतरा बढ़ जाता है। वहीं बुजुगों को मास पेशियों से संबंधित परेशानी बढऩे लगी है। इसके साथ ही बच्चों में सदी, जुकाम और वायरल फीवर इन दिनों आम हो गया है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बना रेफर सेंटर
कहने को तो जांजगीर चाम्पा जिले के अंतर्गत 5 सामुदायिक स्वास्थय केन्द्र आते है। इन केन्द्रों में डाक्टरों से लेकर कंम्पाऊंडर एवं स्टाफ नर्स की नियुक्त राज्य शासन के स्वास्थय विभाग के माध्यम की गई है ताकि दुरस्त अंचल में रहने वाले लोग जब अस्पताल पहुंचे तो समय पर उनका उपचार किया जा सके, लेकिन जिले के सामुदायिक स्वास्थय केन्द्र महज रेफर सेंटर बनकर रह गया है। जिसके 5 चलते मरीजों को मजबूरन निजी अस्पतालो के माध्यम से उपचार कराने की मजबुरी बनी रहती है।