कोरबा। वनमंडल कोरबा के कुदमुरा एवं करतला वन परिक्षेत्र में 50 की संख्या में इन दिनों हाथी सक्रिय हैं। हाथियों का यह दल कुदमुरा, चचिया एवं चिकनीपाली के जंगल में विचरण कर रहा है जो दिन में जंगल में विश्राम करने के बाद शाम होते ही सक्रिय होता है और अलग-अलग बंटकर जंगल में घूमते रहता है। बड़ी संख्या में क्षेत्र में हाथियों की मौजूदगी से ग्रामीणों को लगातार खतरा बना हुआ है। हालांकि हाथियों ने अब तक यहां कोई बड़ा नुकसान नहीं पहुंचाया है फिर भी हाथियों के उत्पात की संभावना को देखते हुए वन विभाग लगातार हाथियों की निगरानी कर रहा है। इसके लिए विभाग द्वारा कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है जो ड्रोन कैमरे के अलावा मौके पर पहुंचकर हाथियों की निगरानी में लगातार जुटे हुए हैं। उनकी यह कोशिश रहती है कि हाथी जंगल ही जंगल विचरण करता रहे तथा आबादी वाले क्षेत्रों में न पहुंचने पाए। वन विभाग के सूत्रों के मुताबिक कुदमुरा परिसर में मौजूद हाथियों के दल में एक उत्पाती दंतैल भी शामिल है जो दल से अलग होकर प्रतिदिन आबादी वाले क्षेत्र में पहुंच जा रहा है। यह हाथ अक्सर कुदमुरा स्थित धान मंडी के पास रात में मंडराते रहता है। क्षेत्र में हाथियों के रहने से मंडी में धान की सुरक्षा को भी खतरा बना हुआ है इससे कर्मचारी व अधिकारी काफी चिंतित हैं। वही धान का उठाव भी तेजी से नहीं हो पा रहा है। जिससे उनकी चिंता और भी बढ़ रही है। उधर कटघोरा वनमंडल के एतमानगर रेंज अंतर्गत मड़ई सर्किल में 46 तथा दो हाथी केंदई के लालपुर जंगल में घूम रहे हैं। हाथियों के इस दल ने भी बड़ा नुकसान नहीं पहुंचाया है। वन विभाग के सूत्रों के मुताबिक हाथी जंगल ही जंगल विचरण कर रहे हैं। जंगल में पानी और चारा पर्याप्त मात्रा में मिलने की वजह से वे बाहर नहीं आ रहे हैं और जंगल में ही डेरा जमाए हुए हैं।