चांपा। स्थानीय नगर पालिका परिषद ने एक अजीबोगरीब कारनामा कर दिखाया है। नगर में स्थापित किये गये दो वाटर एटीएम से लोगों को एक बूंद भी पानी नसीब नहीं होने पर पूर्व नगर पालिका परिषद ने वाटर एटीएम स्थापित करने वाले संस्थान को भुगतान किये जाने पर रोक लगा दी थी, लेकिन वर्तमान परिषद की प्रेसीडेंट -उचय इन -उचय कौंसिल ने पूर्व परिषद के निर्णय को बदलते हुए संबंधित को लाखो रू. का भुगतान कर दिया। पालिका के पार्षदो ने इस वित्तीय अनियमितता की जांच की मांग की थी, लेकिन मामले में अब तक जांच कर कोई कार्यवाही नहीं किये जाने से नगरवासियों में आक्रोश देखा जा रहा है। पूरे मामले में हरिभूमि को जो दस्तावेज हाथ लगे है उसके अनुसार संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास द्वारा अपने पत्र दिनांक 13.04.2017 के तहत बिलासपुर एवं सरगुजा संभाग के नगरीय निकायो के लिए 85 नग वाटर एटीएम स्थापना को स्वीकृत किया गया था। इसके तहत नगर पालिका चांपा हेतु भी दो नग वाटर एटीएम की स्थापना स्वीकृत की गई थी जिसके तहत निकाय को विभिन्न चरणों में कुल बीस लाख दस हजार रू. प्रदाय किये गये। उपरोक्त स्वीकृति पश्चात मुख्य नगर पालिका अधिकारी चांपा ने मेसर्स राईट वाटर सॉल्यूशन प्राईवेट लिमिटेड नागपुर (महाराष्ट्र) के पक्ष में कार्यादेश क्रं. 326 दिनंाक 25.04.2017 को जारी किया गया। निर्धारित समय पर संस्थान द्वारा नगर के गौरवपथ स्थित प्रतीक्षा बस स्टैण्ड तथा बिसाहु दास महंत शासकीय चिकित्सालय में अलग -ंउचय अलग वाटर एटीएम की स्थापना की गई। तय समय पर दोनो वाटर एटीएम से लोगो को एक बूंद भी पानी नसीब नही हो पाया। इसके बाद तत्कालीन नगर पालिका परिषद द्वारा अपनी बैठक दिनंाक 21.01.2018 को पारित संकल्प क्रं. 2 के तहत भुगतान पर रोक लगा दी। वर्तमान परिषद ने दोनो वाटर एटीएम से लोगो को पानी उपलब्ध नहीं होने के बाद भी पीआईसी की बैठक दिनांक 23.11.2020 को पारित संकल्प क्रं. 3 तहत शासन से प्राप्त आबंटन सीमा में शेष राशि के भुगतान की अनुमति प्रदाय कर मुख्य नगर पालिका अधिकारी को भुगतान हेतु अधिकृत कर दिया। इस तरह पूर्व परिषद के द्वारा लिये गये निर्णय को बदलते हुए वर्तमान परिषद की पीआईसी ने यह साबित कर दिया है कि परिषद के बजाये वह सर्वोच्च है। इस तरह यह माना जा सकता है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को लोअर कोर्ट बदल दे। इस पूरे मामले की शिकायत पूर्व में एसडीएम चांपा को भी की गई है, लेकिन मामले में किसी तरह की कार्यवाही न होने से संबंधितो के हौसले बुलंद है। अब प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद नगरवासियों में यह आस जगी है कि मामले में निष्पक्ष जांच होगी और दोषियों पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
मामले के दौरान मैं यहां पदस्थ नहीं था इसलिए पूरी फाइल देखने के बाद ही मैं कुछ कह पाउंगा।
प्रहलाद पाण्डेय मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर पालिका परिषद चांपा
मेरे विधानसभा क्षेत्र के नगरीय निकायो में यदि किसी तरह की वित्तीय अनियमितता सामने आती है तो मेरे द्वारा पूरे मामले की जांच करा कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करायी जाएगी।
व्यास कश्यप विधायक जांजगीर-ंउचयचंापा,विधानसभा