नई दिल्ली। बीते कुछ समय से दिल्ली समेत एनसीआर के कई इलाकों में लगातार हवा का स्तर बद से बदतर होता जा रहा है। हालांकि, बीते दिनों हुई बारिश ने लोगों को बढ़ते प्रदूषण से राहत दिलाई है। इसी बीच दिवाली के मौके पर प्रदूषण को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने भी दिल्ली समेत पूरे देश में पटाखों पर बैन लगा दिया है। बढ़ते प्रदूषण के पीछे पटाखों का एक बड़ा योगदान रहता है।हालांकि, वायु प्रदूषण के अलावा पटाखे अन्य कई तरीकों से भी हमारी सेहत को नुकसान पहुंचाते हैं। ऐसे में पटाखों से होने वाले नुकसानों के बारे में विस्तार से जानने के लिए हमने वैशाली स्थित मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के डायरेक्टर और पल्मोलॉजी डिपार्टमेंट के हेड डॉक्टर शरद जोशी से बात की।पटाखों से होने वाले नुकसानों के बारे में बताते हुए डॉक्टर शरद कहते हैं कि पटाखे जलाने पर इसमें से कार्बन मोनोऑक्साइड, कार्बन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड जैसी कई जहरीली गैस निकलती हैं। यह जरूरी गैस हमारी रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट यानी सांस की नली को प्रभावित करते हैं। इसके अलावा पटाखे के अन्य नुकसानों में सबसे गंभीर है, जिसमें एक आग है। यह त्वचा और आंखों के जलने समेत कई बड़ी दुर्घटना की वजह बन सकती है।इसके अलावा डॉक्टर की मानें तो 60 डेसिमल के ऊपर की ध्वनि हमारे के लिए नुकसानदेह होती है। ऐसे में पटाखे की तेज ध्वनि की वजह से सिर दर्द और एंजायटी की समस्या हो सकती है। साथ ही 80 डेसिमल से ऊपर की ध्वनि बच्चों के कानों को हमेशा के लिए खराब कर सकती है। आमतौर पर हम जिन भी पटाखे का इस्तेमाल करते हैं, उनकी ध्वनि 140 डेसिमल से भी ऊपर होती है, जो हमारे कानों के लिए काफी हानिकारक है।इसकी वजह से न सिर्फ कान के पर्दे फट सकते हैं, बल्कि गर्भवती महिलाओं में मिसकैरेज का खतरा भी बढ़ जाता है और बच्चों के सुनने की क्षमता हमेशा के लिए खत्म हो सकती है।डॉक्टर बताते हैं कि पटाखों से निकलने वाला धुंआ और आतिशबाजी के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले पटाखे में कई हानिकारक केमिकल्स जैसे कॉपर, कैडमियम का इस्तेमाल किया जाता है, जो हमारे लिए जहर का काम करते हैं। कैडमियम और लेड जैसे केमिकल कैंसर का कारण बन सकते हैं। पटाखों से निकलने वाले धुंओं की वजह से न सिर्फ सांस की समस्या हो सकती है, बल्कि एनीमिया और कैंसर हो सकता है, जो आमतौर पर वायु प्रदूषण से नहीं होते हैं। इसके अलावा कई पटाखों में रेडियोएक्टिव पदार्थों का इस्तेमाल किया जाता है, जो कैंसर के साथ ही आपकी आंखों की रोशनी खराब कर सकते हैं।