नईदिल्ली, २५ मई ।
विदेश मंत्रालय ने जदएस सांसद प्रज्वल रेवन्ना को कारण बताओ नोटिस भेजकर पूछा है कि उनका राजनयिक पासपोर्ट क्यों नहीं रद कर दिया जाना चाहिए। प्रज्वल के खिलाफ यौन शोषण के आरोपों को देखते हुए कर्नाटक सरकार ने विदेश मंत्रालय से प्रज्वल का राजनयिक पासपोर्ट रद करने का अनुरोध किया है। अधिकारियों ने गुरुवार को कहा था कि विदेश मंत्रालय प्रज्वल का राजनयिक पासपोर्ट रद करने के कर्नाटक सरकार के अनुरोध पर कार्रवाई कर रहा है। माना जा रहा है कि वह फिलहाल जर्मनी में हैं। अधिकारियों ने बताया कि प्रज्वल का पासपोर्ट रद करने के लिए शुरू की गई प्रक्रिया के तहत उनको कारण बताओ नोटिस भेजा गया है। यह नोटिस उनको ईमेल के जरिये भेजा गया है। समाचार एजेंसी के अनुसार, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि विदेश मंत्रालय को प्रज्वल रेवन्ना का पासपोर्ट रद करने का अनुरोध 21 मई को प्राप्त हुआ था। उन्होंने कहा कि पासपोर्ट रद करने के लिए हमें न्यायिक अदालत या पुलिस के अनुरोध की आवश्यकता होती है। विदेश मंत्रालय को कर्नाटक सरकार से यह अनुरोध 21 मई को मिला था। हमने तुरंत इस पर कार्रवाई की। भाजपा पर प्रज्वल को बचाने के कांग्रेस सरकार के आरोपों पर जयशंकर ने कहा कि उन्होंने पहला कदम नहीं उठाया। मेरा मतलब है, यह पहला मामला नहीं है जब पासपोर्ट रद किया जा रहा है। आईएएनएस के अनुसार, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने शुक्रवार को कहा कि प्रज्वल रेवन्ना का परिवार उनके बारे में सब कुछ जानता है। जब प्रज्वल रेवन्ना को उनके दादा और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा द्वारा दी गई चेतावनी के बारे में पूछा गया कि उन्हें परिवार से अलग कर दिया जाएगा, तो सिद्दरमैया ने सवाल किया-क्या प्रज्वल अपने परिवार को सूचित किए बिना चले गए हैं। क्या वह अपने परिवार के सदस्यों के संपर्क में नहीं हैं। सिद्दरमैया ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार और अन्य के खिलाफ अनाप-शनाप बातें करके अपने भतीजे प्रज्वल रेवन्ना पर यौन उत्पीडऩ के आरोपों को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं।
इस बीच, कर्नाटक के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने कहा कि प्रज्वल रेवन्ना को अपने दादा की चेतावनी पर ध्यान देना चाहिए और कानून का सामना करने के लिए तुरंत लौट आना चाहिए। बताते चलें, देवेगौड़ा ने एक खुला पत्र लिखकर प्रज्वल रेवन्ना को आत्मसमर्पण करने या परिवार के गुस्से का सामना करने को कहा था।