
कोरबा। कोरबा जिला वन्य जीवन के दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यहां तेंदुओं, हाथियों, ऊदबिलाव, उडऩ गिल्लहरी का घर होने के अलावा किंग कोबरा का प्राकृतिक आवास भी है। यह मध्य भारत में किंग कोबरा का एकमात्र घर है। इसमें संरक्षण हेतु स्थानीय समुदायों का अहम भूमिका होती हैं और इनके व क्षेत्र में काम करने वाले वन्यजीव विशेषज्ञों के बीच अंतर को पूरा किए बिना ऐसी प्रजातियों का संरक्षण संभव नहीं हो सकता है। साथ ही किसी भी प्रजाति के संरक्षण के लिए स्थानीय लोगों की भागीदारी महत्वपूर्ण है। हर साल 16 जुलाई को विश्व सर्प दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिसका एकमात्र उद्देश्य आम लोगों को साँपों के रहस्यमई जीवन के बारे में जागरूक करना और उनका संरक्षण क्यों महत्वपूर्ण है यह बताना।
इसी कड़ी में नोवा नेचर वेलफेयर सोसायटी कोरबा वन मण्डल में किंग कोबरा प्रोजेक्ट पर काम कर रही है और इस वर्ष अरविंद पीएम वन मण्डलाधिकारी, प्रशिक्षु वन मंडलाधिकारी चंद्र कुमार अग्रवाल आईएफएस के मार्गदर्शन और आशीष खेलवार सूर्यकांत सोनी उप-विभागीय अधिकारियों के संयुक्त तत्वाधान में नोवा नेचर वेलफेयर सोसाइटी ने विभिन्न प्रकार के ऑनलाइन कार्यक्रम आयोजित किए थे। जिसमें रील मेकिंग, ड्राइंग, क्विज़ आदि शामिल थे पूरे कोरबा के छात्रों ने इस कार्यक्रमों में भाग लिया था जिसमें भाग लिए प्रतिभागियों को पुरस्कृत करने एवम विश्व सर्प दिवस मनाने के लिए वन विभाग के हाल में अयोजित कार्यक्रम आयोजित किया गया जहां सभी को प्रोजेक्टर के माध्यम से चलचित्र दिखाए गए, उसके पश्चात चित्रकला में भाग लिया बच्चों को किंग कोबरा फ्रेम सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया गया जिसमें प्रथम स्थान श्रृष्टि शर्मा, दूसरा स्थान प्रिंस कुमार, तीसरा स्थान राहुल यादव फिर रील बनाने में प्रथन स्थान सैलेश, लहरे, दूसरा स्थान स्वेता उपाधाय तीसरा स्थान भूमिका टंडन प्रशन/उत्तरी में प्रथान स्थान संजना बर्वे दूसरा स्थान कृष्णा बर्वे और तीसरा स्थान श्रद्धा को मिला उसके साथ ही बताया गया की किंग कोबरा क्यों महत्वपूर्ण है और कोरबा वन क्षेत्र में इसका संरक्षण इतना आवश्यक क्यों है इतना ही नहीं किंग कोबरा पर चल रहे प्रोजेक्ट ने ऐसे लोगों की पहचान की है जो किंग कोबरा संरक्षण में स्वेच्छा से सहयोग करना चाहते हैं।
टीम को रिस्पांस टीम के रूप में जाना जाता है, जिसका उद्देश्य सांप बचाव, मानव वन्यजीव संघर्ष की स्थिति, वन्यजीव अपराध और वन्यजीव संबंधी मुद्दों के दौरान संरक्षण प्रयासों का समर्थन करना है। टीमों ने वन विभाग के साथ बातचीत की और प्रतिक्रिया टीम के काम पर चर्चा की गई, इस कार्यक्रम में अगोरा इको टूरिज्म से सेजल दुबे, डॉक्टर आलोक साहू, नोवा नेचर वेल्फेयर सोसाइटी के सचिव मोइज अहमद, जितेंद्र सारथी, मयंक बक्शी, सिद्धांत जैन, उपेंद्र चौहान, राजू बर्मन और संख्या में बच्चों के साथ जिले के नागरिक उपस्थित रहें।
एनटीपीसी में भी हुआ कार्यक्रम का आयोजन
विश्व साँप दिवस को हर वर्ष 16 जुलाई को मनाया जाता है ताकि साँपों के संरक्षण और महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाई जा सके। इसी कढ़ी में एनटीपीसी कोरबा ने भी विश्व साँप दिवस मनाया। ये प्राणी हमारे पर्यावरण के संतुलन को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। साँप विभिन्न प्रजातियों में पाए जाते हैं और छोटे पशुओं और चूहों के प्रजनन को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जिससे फसलों की रक्षा होती है और बीमारियों के प्रसार को कम किया जाता है।
कोरबा की पहल विश्व साँप दिवस पर अपने टाउनशिप स्कूल और प्लांट परिसर में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने के लिए एक समर्पित प्रयास को दर्शाती है। इस वैश्विक उपासना को चुनकर, उन्होंने साँपों के साथ सहजीवन के महत्व को उजागर किया है, उनकी पारिस्थितिकीय भूमिका और सुरक्षा उपायों पर जोर दिया है। इंटरैक्टिव सत्रों और प्रदर्शनों के माध्यम से, उन्होंने मिथकों को दूर किया है और छात्रों, कर्मचारियों, और निवासियों के बीच पर्यावरणीय प्रबंधन को बढ़ावा दिया है। इस प्रकार के कार्यक्रम जीव विविधता के संरक्षण में सहयोग करते हैं और विभिन्न पारिस्थितिकीय परिसरों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित रहने में मदद करते हैं।
विश्व साँप दिवस का मुख्य उद्देश्य लोगों को साँपों और उनके महत्व के बारे में शिक्षित करना है। कई साँप प्रजातियाँ विश्वभर में पाई जाती हैं, जिनमें से कुछ प्राणी लुप्तांगत के कगार पर हैं। जागरूकता बढ़ाना और संरक्षण के प्रयासों को प्रोत्साहित करना उनकी अस्तित्व सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है।भारत में विभिन्न साँप प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जैसे कोबरा, पायथन, रेट स्नेक्स, और क्रेट्स। उनके संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाना हमारे जैव विविधता को बनाए रखने और आने वाली पीढिय़ों के लिए एक समृद्ध पर्यावरण प्रदान करने में महत्वपूर्ण है।विश्व साँप दिवस के इस अवसर पर, हम सभी यह प्रतिज्ञा करते हैं कि हम साँपों के संरक्षण में और उनके प्राकृतिक आवासों की रक्षा में प्रयास करेंगे। हमें समझना अत्यंत आवश्यक है कि हर प्राणी का इस ग्रह पर अपनी विशिष्ट जगह और भूमिका होती है, और इन्हें सुरक्षित रखना हमारी जिम्मेदारी है।