जांजगीर चांपा। छत्तीसगढ़ स्टेट वेयरहाउस कॉरपोरेशन के प्रबंधक आलोक पटेल के कार्य प्रणाली से लोग भारी परेशान है वही उनके भ्रष्टाचार पूर्ण आचरण से राइस मिलर मालामाल हो रहे हैं जो मानक के अनुसार चावल नहीं लेकर जहां राइस मिलरों को उपकृत किया जा रहा है। वही इसके बदले में मोटी रकम लेकर शासन को चूना लगाया जा रहा है अगर इनके कार्यकाल की जांच की जाए तो चौकाने वाले तथ्य सामने आएंगे। बताया जाता है कि लंबे समय से आलोक पटेल यहां मैनेजर के पद पर पदस्थ है जिनका स्थानांतरण अन्यत्र कर दिए जाने के बावजूद भी वे बार-बार अपना स्थांतरण रुकवा लेते हैं साथ ही विभाग के उच्च अधिकारियों द्वारा उन्हें कई बार अपनी गलतियां सुधारने का मौका दिया जाता रहा है बावजूद इसके कि मैनेजर पटेल अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं । सूत्रों का कहना है कि आलोक पटेल के साथ अनेक लोगों का विवाद हो चुका है स्थिति मारपीट तक भी पहुंच चुकी है किंतु थाने में अपराध दर्ज नहीं कराए जाने के कारण यह मामला विभाग के चारदीवारी में ही निपट गया, परंतु मैनेजर आलोक पटेल के ऊपर राइस मिलों से चावल लेते समय भारी धांधली की जाती है उनसे सही मानक वाला चावल नहीं लेकर अमानक चावलो के बदले मोटी रकम लेकर वेयरहाउस में जमा कराते हैं । कई बार इस संदर्भ में उनकी शिकायत उच्च अधिकारियों से की गई है परंतु उच्च अधिकारियों के संरक्षण में मैनेजर आलोक पटेल द्वारा राइस मिलरो को भरपूर लाभ पहुंचा रहे हैं वहीं दूसरी और इस अमानत युक्त चावल को सेवा सहकारी समिति के पास भेजने से जनता को सही चावल नहीं मिल पा रहा है। बताया जाता है कि छत्तीसगढ़ स्टेट वेयरहाउस कॉरपोरेशन के मैनेजर द्वारा इस धांधली में करोड़ों की संपत्ति अर्जित कर ली गई है जो उच्च अधिकारियों के संरक्षण में खुलेआम धांधली का कार्य कर रहे हैं इनके कार्यकाल एवं इनके संपत्तियों का जांच किया जाना लोकहित में आवश्यक है। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि राइस मिलरो द्वारा कष्ट मिलिंग कर जो चावल यहां जमा किया जाता है उसे सही मानक में जमा किया जाना चाहिए परंतु इस वेयरहाउस में ना तो मैनेजर नियमों का पालन कर रहे हैं और ना ही गुणवत्ता निरीक्षक, जिसके कारण प्रत्येक प्रत्येक लाट में मोटी रकम लेकर राइस मिलरों का अमानत चावल जमा कर दिया जाता है। बताया यह जाता है कि उक्त मैनेजर द्वारा जो धांधली की जाती है उसमें स्थानांतरण अन्यत्र होने के पर उन्हें धांधली ठीक करने के बहाने उनका स्थानांतरण रोक दिया जाता है ऐसे में भ्रष्टाचार उनके लिए एक कवच की तरह कार्य कर रहा है जबकि उनके इस हरकतों से राज्य शासन को करोड़ों का नुकसान हो रहा है इसका फायदा राइस मिलर और मैनेजर खुल कर उठा रहे हैं । सरकार को चाहिए कि ऐसे व्यक्ति के संपत्तियों की जांच बड़ी जांच एजेंसी से कराए ताकि इनके हरकतों से पर्दा उठ सके। इतना ही नहीं बल्कि इस अधिकारी के कार्यकाल में जो राइस मिलर धान का मिलिग करके चावल जमा किए हैं उनके लाट का भी सूक्ष्म जांच किया जाना आवश्यक है ताकि राइस मिलरों के कार्यों का पर से भी पर्दा उठ सके। जो दोनों हाथों से मैनेजर से मिलकर शासन को लूटने का कार्य कर रहे हैं।