किसी बड़े वारदात का डर सताने लगा है व्यापारी वर्ग को
सीताराम नायक

जांजगीर चांपा। अपनी आत्मरक्षा के लिए शस्त्र रखने वाले राजनेताओं, व्यापारियों तथा पूंजीपतियो का शस्त्र लाइसेंस का नवीनीकरण समय पर नहीं होने से लोगों को किसी अनहोनी का डर सताने लगा है। जिसके अभाव में लोग आत्मरक्षा के लिए भी शास्त्र का उपयोग नहीं कर सकते ऐसे में किसी बड़ी घटना की अंदेशा से इनकार नहीं किया जा सकता।
इस संबंध में अवगत हो कि जांजगीर चांपा जिले में लगभग 100 से अधिक ऐसे शास्त्रधारी लोग हैं जिनके बंदूक एवं रिवाल्वर आदि शास्त्र के लाइसेंस का नवीनीकरण किया जाना बाकी है उक्त लोगों द्वारा कई महीनो से लाइसेंस नवीनी कारण के लिए जिला प्रशासन के पास जमा किया हुआ है ताकि समय पर उक्त शस्त्र लाइसेंस का नवीनीकरण किया जा सके परंतु,सक्षम अधिकारी उक्त कार्य में जानबूझकर लेट लतीफ कर रहे हैं, और विगत 6 महीने से लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं कर रहे हैं। ऐसे में शास्त्रधारी अपने लाइसेंस के अभाव में आत्मरक्षा के लिए भी अपने अस्त्र-शस्त्र का उपयोग नहीं कर सकते।
ज्ञात हो कि जब-जब लोकसभा एवं विधानसभा का चुनाव आता है तब तब सभी बंदूक एवं शास्त्रधारी अपने हथियार को समीप के थानों में जमा कर देते हैं और चुनाव निपटने के लंबे समय बाद उन्हें वापस मिल पाता है । परंतु वर्तमान में लाइसेंस नवीनीकरण का कार्य लंबे समय से अटका पड़ा है जिसके अभाव में विशेष कर व्यापारी वर्ग खुद को असुरक्षित महसूस करने लगे हैं ।
सबसे ध्यान देने वाली बात यह है कि राजनैतिक क्षेत्र में रहने वाले लोग जहां पल-पल खुद को खतरा महसूस करते हैं तो वही सोने चांदी के व्यवसाय तथा कपड़ा, कोयला, कारोबार करने वाले लोगों को भी समय-समय पर जान का खतरा बना रहता है जो आत्मरक्षा की दृष्टि से अपने पास हथियार रखते हैं। लेकिन लाइसेंस नवीनीकरण का कार्य समय पर नहीं होने के कारण वह अब असुरक्षित महसूस करने लगे हैं। कभी-कभी समाचार पत्रों में पढऩे तथा टीवी में लटपाट की खबरें दिखने को मिलती रहती है कि हथियार बंद अपराधी वर्ग के लोग सोने चांदी के व्यवसाय करने वाले लोगों को अपना निशाना बना लेते हैं जिनके पास आत्मरक्षा की कोई वस्तुएं नहीं होने के कारण वे सरलता से लूट के शिकार हो जाते हैं। दशहरा,दीपावली के त्यौहार को कुछ दिन ही बाकी है जिसमें व्यवसाय करने के लिए सोने चांदी तथा कपड़ा के व्यापारियों को राजधानी एवं अन्य बड़े शहरों से सोने चांदी के जेवरों का खरीदी बिक्री करनी पड़ती है तथा जिन्हें थोक मात्रा में सोने चांदी लाने ले जाने पड़ते हैं वहीं बड़ी रकम लाना ले जाना होता है ऐसी स्थिति में जिन लोगों के पास शस्त्र है वे भी लायसेंस के अभाव मे यात्रा के दौरान शस्त्र अपने पास नहीं रख सकते। ऐसे मौके पर व्यापारियों को आत्मरक्षा के लिए शस्त्र रखना अनिवार्य हो जाता हैं। जिन लोगों का शास्त्र लायसेंस नवीनीकरण नहीं हुआ है वे पूरी तरह से असुरक्षित महसूस करने लगते हैं तथा जिन्हें जान का डर सता सताने लगता है। इसलिए शस्त्र लाइसेंस के नवीनीकरण का कार्य समय पर निपटा दिया जाना चाहिए,ताकि किसी बड़ी घटना से व्यापारी वर्ग बच सके।
बताया जाता है कि शस्त्र लाइसेंस के नवीनीकरण का फाइल संबंधित अधिकारियों को प्रस्तुत कर दिया गया है जो तमाम बिंदुओं की जांच पड़ताल करने के बाद अंतिम हस्ताक्षर हेतु सक्षम अधिकारी के पास प्रस्तुत कर दिया गया है लेकिन संबंधित लोगों से स्वार्थ सिद्धि की चाहत में उक्त कार्य को समय पर नहीं किया जा रहा है जो काम की अधिकता एवं शासन की योजनाओं का जमीनी स्तर पर उतारने का बहाना बना कर सक्षम अधिकारी द्वारा हस्ताक्षर नहीं किया जा रहा है। क्योंकि मामला सुरक्षा का है और जान माल का है इसलिए समय पर शस्त्र लाइसेंस का नवीनीकरण किया जाना अत्यंत आवश्यक है। ताकि किसी अप्रिय घटना से बची जा सके।
यह कार्य कोई राशन कार्ड बांटने जैसा नहीं है, सब लोगों को हथियार का लायसेंस नहीं दिया जा सकता। परीक्षण उपरांत फाइलों का निपटारा किया जाएगा।
आकाश छिकारा
कलेक्टर जिला जांजगीर चांपा