छत्रपति संभाजीनगर। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शुक्रवार को चुनाव चिह्न को लेकर शिवसेना (यूबीटी) पार्टी का मजाक उड़ाया। उन्होंने कहा कि उनका चुनाव चिह्न जलती हुई मशाल है और यह घरों में आग लगाने और समुदायों के बीच फूट डालने का काम करती है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि चांदी की चम्मच लेकर पैदा होने वाले लोग लाड़की बहिन योजना के तहत पात्र महिलाओं को दी जाने वाली मासिक वित्तीय सहायता 1,500 रुपये का मूल्य नहीं समझेंगे। परांडा में सेना (यूबीटी) द्वारा पार्टी उम्मीदवार नहीं उतारने पर उन्होंने कहा, ”उन्होंने अपना चुनाव चिह्न मशाल बेच दिया है और इस निर्वाचन क्षेत्र को भी छोड़ दिया है। जलती मशाल क्रांति का प्रतीक नहीं है, बल्कि घरों में आग लगाने और समुदायों के बीच दरार पैदा करने का एक माध्यम है।” वे (शिवसेना-यूबीटी) जानते थे कि वे इस निर्वाचन क्षेत्र को खोने जा रहे हैं, इसलिए उन्होंने यह क्षेत्र किसी और को दे दिया।
सीएम ने कहा, ”जिस दिन (अविभाजित) ‘धनुष और तीर’ प्रतीक वाली शिवसेना ने कांग्रेस से हाथ मिलाया, वह सबसे दुर्भाग्यपूर्ण दिन था। शिवसेना पीछे चली गई और इसलिए हमने विद्रोह कर दिया और तानाजी सावंत मेरे साथ आ गए।” महाराष्ट्र भाजपा के नेता किरीट सोमैया ने कांग्रेस पार्टी पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी 1947 से पहले की मुस्लिम लीग बन गई है। कांग्रेस, मुस्लिमों को धर्म के नाम पर भड़का रही है और कह रही है कि वह उनकी सारी मुरादें पूरी करेगी। हम घर-घर जाकर लोगों को जागरुक करेंगे और लोगों को कांग्रेस की नीतियों के बारे में बताएंगे। लोगों को एकजुट करने की कोशिश की जाएगी क्योंकि बंटेंगे तो कटेंगे।