रायपुर। EOW यानी आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो संभवतः पहली बार स्कूल शिक्षा विभाग के किसी मामले में हुए गड़बड़ी की जांच करने जा रहा है और इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने विभागीय अनुमति देने का निर्णय ले लिया है जिसके बाद स्कूल शिक्षा विभाग में हड़कंप है। पदोन्नति में हुई गड़बड़ी के समय EOW से मामले की जांच की बात निकलकर सामने आई थी लेकिन अब जिस मामले को लेकर EOW जांच करने जा रही है वह पदोन्नति का मामला नहीं बल्कि अनुकंपा नियुक्ति का मामला है जो बिलासपुर जिले से जुड़ा हुआ है। दरअसल कोरोना काल यानी 2020 में बिलासपुर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के जरिए मृत शासकीय कर्मचारियों के परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति दी गई और इसी में विभागीय अधिकारियों ने बड़ा खेल कर दिया दरअसल कुल 52 पदों पर अनुकंपा नियुक्ति दी जानी थी और कुल 56 पदों पर अनुकंपा नियुक्ति दे दी गई । यही नहीं शासकीय नियमानुसार जो अनुकंपा नियुक्ति की पात्रता नहीं रखते थे उन्हें भी नियुक्ति दे दी गई इसके बाद शिकायतकर्ता रजनीश साहू ने आरटीआई के दस्तावेजों के सहारे पूरे मामले की शिकायत उच्च कार्यालय में की और जब मामले की जांच हुई तो एक के बाद एक कुल 11 अनुकंपा नियुक्ति रद्द किए गए , यही नहीं इस मामले में तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी जो की प्रभारी के रूप में तैनात थे पी दशरथी, वह भी निलंबित हुए हालांकि वह बात में कोर्ट से स्टे आर्डर लाने में सफल रहे और अभी भी स्कूल शिक्षा विभाग के बिलासपुर डीईओ कार्यालय में सहायक संचालक के तौर पर पदस्थ है।