
जांजगीर-चांपा। 24 वीं राज्य स्तरीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा खेल के नाम पर बड़ा खेल करने की योजना बनाई है। हद तो तब हो जा रही है जब अधिकारियों ने टोली के लिए भी जो पैसा आई है उसकी बचत करते हुए तीन साल पुरानी टोपी को खिलाडिय़ों व खेल शिक्षकों को बांट दिया। जो टोपी बांटी गई है वह भी चंदे की है। जो पीआईएल द्वारा प्रदत्त की गई है। जो जिले के में चर्चा का विषय बना रहा। दरअसल, इन दिनों खेल स्पर्धा का आयोजन चल रहा है। इसके लिए सरकार की ओर से बड़ी राशि खर्च की जाती है। बावजूद सरकार की राशि में शिक्षा अधिकारी डंडी मारना चाहते हैं। यही वजह है कि खिलाडिय़ों को कई तरह की परेशानियों से जूझना पड़ता है। कुछ इसी तरह की अव्यवस्था रविवार को खेल स्पर्धा में देखने को मिली। जहां खिलाडिय़ों के लिए मैदान में पीने के पानी तक की सुविधा नहीं थी। वहीं अधिकारियों ने तीन साल पुरानी टोपी को बांटकर अपनी की किरकिरी करा लिए। हद तो तब हो गई जब पुरानी टोपी में नया स्टीकर लगाकर बांट दिया। कई टोपियों का स्टीकर भी उखड़ गया था। जिसमें वर्ष 2021 में जब खेल स्पर्धा हुई थी उसकी डिटेल टोपी में छपी थी।
बताया जा रहा है कि खेल प्रतियोगिता के लिए सरकार एक ओर करोड़ों रुपए का फंड दे रही है तो वहीं दूसरी ओर खेल अधिकारी व जिला शिक्षा अधिकारी इतने पैसों को आखिर कहां खर्च कर रहे हैं। एक ओर चंदे के पैसे से टोपी की व्यवस्था की गई तो वहीं खिलाडिय़ों को पीने का पानी तक नसीब नहीं हुआ। । वहीं दूसरी ओर शनिवार की रात से ही खिलाड़ी अव्यवस्था का शिकार थे। जब उन्हें रात को जब ट्रेन से उतरे तो खिलाडिय़ों को बस भी नसीब नहीं हुआ।