मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव यह तो तय करेगा ही कि सत्ता किसके हाथ होगी, लेकिन इसके साथ ही कुछ हद तक यह भी तय करेगा कि बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना का असली उत्तराधिकारी जनता किसे मानती है। इसके कई मानक होंगे, लेकिन मुंबई की माहिम सीट इसका बड़ा संकेत देगी। दरअसल, यही एक सीट है जहां शिवसेना का किसी दूसरे से नहीं बल्कि अपने ही तीन धड़ों के साथ मुकाबला है।
बात इतनी भर नहीं है, यह वह सीट है जिसे शिवसेना का मूल माना जा सकता है क्योंकि सेना भवन (पुरानी शिवसेना का कार्यालय), शिवाजी पार्क और सेना की विचारधारा से जुड़ी स्मृति एक डेढ़ किलोमीटर के दायरे में मौजूद है। यही वह सीट है, जहां से जीतकर मनोहर जोशी शिवसेना के पहले मुख्यमंत्री बने थे। इस सीट से शिंदे शिवसेना के सदा सरवणकर, कभी बालासाहेब के उत्तराधिकारी माने जाते रहे राज ठाकरे के पुत्र अमित ठाकरे मनसे से और उद्धव सेना से महेश सावंत मैदान में हैं। सरवणकर पुराने शिव सैनिक रहे हैं। पार्टी के निचले स्तर से उठकर तीन बार विधायक रह चुके हैं। भाजपा का साथ छोड़कर आघाड़ी में जाने के मुद्दे पर वह भी उद्धव को छोड़कर शिंदे के साथ हो गए थे।