
जांजगीर चांपा। श्रवण मास के दूसरे सोमवार पर जिले सहित अंचल के शिव मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा रखा। जिले के खरौद, पीथमपुर, नवागढ, तुर्रीधाम सहित कल शिवालयों में सुबह से लेकर दोपहर तक भगवान शिव की पूजा-अर्चना के अलावा जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक का दौर चलता रहा। कई स्थानों पर श्रद्धालुओं द्वारा प्रसाद वितरण किया गया। व्यवस्था बनाने मंदिर प्रशासन समिति के पदाधिकारी एवं सदस्य जुटे रहे।
धार्मिक मान्यता के अनुसार भगवान शिव को श्रावण मास अत्यंत प्रिय है। सोमवार को भगवान शिव का वार माना जाता है। ऐसे में श्रवण मास के सोमवार को भगवान शिव के दुग्धाभिषेक या जलाभिषेक के साथ ही पूजा-अर्चना को अत्यंत फल दायी माना जाता है। 29 जुलाई को श्रावण मास के दूसरे सोमवार पर जिला मुख्यालय जांजगीर के सेंधवार महादेव, नहरिया बाबा मार्ग स्थित शिव मंदिर के अलावा, चांपा नगर के विभिन्न शिवालयों सहित समीपस्थ ग्राम पीथमपुर के भगवान कलेश्वर नाथ मंदिर में भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने तडक़े से लेकर दोपहर तक विषेश कर महिलाओं का तांता लगा सहा। इसी तरह लक्ष्मणेश्वर धाम खरीद, लिंगेश्वर महादेव नवागढ़, सक्ती के तुर्रीधाम में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। लोगों ने आस्था के साथ पूजा की। इस दौरान भक्त अपने प्रिय महादेव की दर्शन करने लगी श्रद्धालुओं की लम्बी कतार लगी रही।
लक्ष्मणेश्वर महादेव का दर्शन करने सुबह से लगा रहा श्रद्धालुओं का तांता
छतीसगढ़ की काशी के नाम से विख्यात भगवान लक्ष्मणेश्वर महादेव की नगरी में सावन के दूसरे सोमवार पर दिन भर भोले शंकर की विशेष पूजा अर्चन होता रहा। इस दौरान भक्तों के व्दारा दूध नारियाल अर्पित किया गया। इस खास माह में भगवान शिव के भक्तगण उनकी उपासना करते है इस बार सावन माह में शुभ संयोग है। सावन के दूसरे सोमवार पर सुबह से ही महानदी से जल भर कर शिवलिंग के पूजा अर्चना करने तांता लगा रहा। श्रद्धालुओं ने मंदिर में विशेष आरती व श्रृंगार किया गया था। मंदिर के कपाट सुबह 4 बजे ही खोल दिए गए थे। उधर आसपास के मंदिरों में सावन के दूसरे सोमवार का उत्साह शिव भक्तों में देखा जा रहा था। भगवान शिव को जल अर्पित करने के लिए मंदिरों के बाहर लोगों की कतारें लगी रही। बोल बम और हर हर महादेव के नारे लगा रहे थे। श्रद्धालु की भीड़ को देखते हुए मंदिर के बाहर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किया गया था।
हाथों में बेलपत्र, चॉवल, घतुरा फूल, नारियल समी पत्र सहित जल से भगवान शंकर की पूजा अर्चना की। सावन में होने वाले सोमवारो का हिंदू धर्म और मानव जीवन में में बड़ा बड़ा ही ही म महत्व है। धर्म की माने तो मां पार्वती सावन सोमवार को भोलेनाथ और वरदानी शिवजी का उपासना करती थी स्वयं शिव की प्राप्ति के लिए सावन सोमवार को शिव का उपासना करने और जलाअभिषेक करने वाले भक्तों का मनोकामना पूर्ण होता है, जो युवती कुंवारी अवस्था में भगवान शिव की उपासना कर जलाभिषेक करती है उनके मनचाहा वर मिलता है और शादीशुदा जनमानस को शिव की कृपा से उनके जीवन में भी धन-धान्य उन्नति प्रगति बनी रहती है।