
जांजगीर-चांपा। श्रीमद् भागवत महापुराण भक्ति ज्ञान यज्ञ का आयोजन ग्राम बोड़सरा में 6 दिसंबर -को कलश यात्रा के साथ शुभारंभ -किया गया। कथा व्यास पं. उपेन्द्र कुमार पाण्डेय हैं। कथा दोपहर 2 बजे से किया जा रहा है। व्यासपीठ से पं. उपेन्द्र कुमार पाण्डेय वामन अवतार, श्रीराम चरित्र, कृष्णावतार की चरित्र को विस्तार पूर्वक बताया कि हर साल भाद्रपद महीने के शुक्लपक्ष की द्वादशी तिथि को वामन जयंती के मनाई जाती है, धार्मिक मान्यता है कि इसी दिन त्रेतायुग में भगवान विष्णु ने वामन अवतार में धरती पर जन्म लिया था, वामन देवका अवतार भगवान विष्णु का पांचवा अवतार माना जाता है, इससे पहले भगवान मत्स्य, कूर्म, वराह और नरसिंह अवतार में जन्म ले चुके हैं। इस तिथि में वामन देव का जन्म होने के कारण इसे वामन जयंती के रूप में मनाया जाता है, इसे वामन द्वादशी भी कहते हैं। इस दिन व्रत रखकर वामन देव की पूजा की जाती है। इस साल वामन जयंती 26 सितंबर 2023 को मनाई जाती है। मान्यता है कि वामन देव की पूजा करने से जीवन के दुख, दर्द और दरिद्रता दूर हो जाते हैं। राजा बलि और वामन अवतार से जुड़ी कथा है। वामन देव भगवान विष्णु के अवतार हैं। असुरों के राजा बलि ने देवताओं को युद्ध में पराजित कर दिया था और स्वर्ग अपने कब्जे में ले लिया था। बलि की वजह से सभी देवता बहुत दुखी थे। दुखी देवता अपनी माता अदिति के पास पहुंचे और अपनी समस्या बताई। इसके बाद अदिति ने पति कश्यप ऋषि के कहने पर एक व्रत किया, जिसके शुभ फल से भगवान विष्णु ने वामन देव के रूप में जन्म लिया। वामन देव ने छोटी उम्र में ही दैत्यराज बलि को पराजित कर दिया था। बलि अहंकारी था, उसे लगता था कि वह सबसे बड़ा दानी है। विष्णु जी वामन देव के रूप में उसके पास पहुंचे और दान में तीन पग धरती मांगी।