सक्ती। नगर के ठाकुरदीया पारा वंदना ट्रेडर्स में जायसवाल परिवार व्दारा 4 मई से 10 मई तक भागवत कथा का आयोजन किया गया है जिसमें कथा वाचिका चित्रलेखा देवी के द्वारा 7 दिनों तक श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण भक्तगणों को कराया जाएगा जिसको लेकर पत्रकारों से चर्चा करते हुए कथा वाचिका चित्रलेखा देवी ने कहा भागवत कथा का आयोजन जहां होता है वह जगह पावन हो जाता है और उस जगह पर आने वाला हर व्यक्ति को शांति प्राप्त होती है भागवत कथा का आयोजन हो रहा है यह संदेश जन-जन् तक आप सभी पत्रकारों के माध्यम से पहुंचना चाहिए और भक्तगण श्रीमद् भागवत कथा में भाग लेकर अपने जीवन को सफल बनाएं चित्रलेखा देवी जी ने बताया 4 मई से 10 मई तक भागवत कथा में मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति की कथा सुनाई जाएगी भागवत कथा में 18000 श्लोक है भागवत एक ऐसा गंगा का प्रवाह है जिसमें डुबकी लगाकर हर मानव भवसागर से पार होता है हमारा देश सनातनियों का देश है जहां ऋषि मुनि भगवान इस धरती में आकर अपनी लीला किए हैं युवा वर्ग पीढ़ी को उनके माता-पिता अच्छी शिक्षा दें और धर्म संस्कृति के बारे में बताएं और बाहरी दुनिया से उन्हें सुख शांति नहीं मिल पाएगी भागवत कथा में आए उन्हें शांति जरूर मिलेगी चित्रलेखा देवी जी ने कहा मनुष्य को मांसाहार नहीं होना चाहिए क्योंकि हर पशुओं में भगवान का वास होता है और हमारे हिंदू धर्म में पशुओं के भी पूजा होती है और उनका वध होने से हम सनातनियों को बहुत दुख होता है पशु वध नहीं होना चाहिए पशुओं का वध करने से भगवान को कष्ट होता है आज प्रकृति में पशु वध के चलते प्रकृति असंतुलित हो रही है धर्म और कर्म में अंतर पर उन्होंने कहा धर्म कर्म का अपना अलग-अलग जगह है कर्म वो होता है आज हम अपने बिजनेस में से जो धन अर्जित करते हैं और अपने कर्म के हिसाब से कार्य करते हुए उस राशि को धर्म में लगाते हैं तो वह धर्म होता है धर्म में अगर हम हमारे कमाए हुए धन से कुछ अंश धर्म में लगाए तो हमारा जीवन सार्थक होता है और धर्म कर्म दो पहलू हैं दोनों का महत्व अलग-अलग है और दोनों का अपनी अपनी जगह एक ही महत्व है कथा वाचिका चित्रलेखा देवी जी ने सभी भगवत प्रेमियों से अपील करती हूं कि 7 दिनों तक भागवत कथा श्रवण करने सभी भक्तगण पहुंचे और भागवत कथा श्रवण कर अपने जीवन को धन्य करें।