नईदिल्ली, 0८ सितम्बर । देश का सबसे बड़ा इनडोर हॉल यानी भारत मंडपम दुनिया की महाशक्तियों को एक मंच पर लाने के लिए तैयार है. ये पहली बार होगा, जब दुनिया के शक्तिशाली देश के राष्ट्राध्यक्ष दिल्ली में एक साथ एक वक्त पर होंगे. 48 घंटे के लिए भारत की राजधानी दिल्ली दुनिया का सबसे हॉट सेंटर होगा. दिल्ली दुनिया का सबसे सेफ जोन होगा. पूरी दुनिया की नजरें भारत मंडपम पर होंगी, क्योंकि जी-20 समिट में बड़े-बड़े राष्ट्राध्यक्ष मौजूद रहेंगे. जी-20 में शामिल होने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन कुछ ही घंटों के बाद दिल्ली पहुंच रहे हैं. ठीक ऐसे ही दुनिया के तमाम बड़े मुल्कों के मुखिया दिल्ली आ रहे हैं. भारत आने वाले नेताओं की लिस्ट में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक पीएम बनने के बाद पहली बार भारत की यात्रा पर होंगे. ऋषि सुनक भारतीय मूल के हैं. इनके अलावा फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों भी आ रहे हैं. वहीं जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज भी जी-20 में शामिल होने आ रहे हैं. जी-20 में चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग नहीं आ रहे हैं, लेकिन चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग शामिल होने भारत आ रहे हैं. वहीं रूस के राष्ट्रपति पुतिन जी-20 में नहीं रहेंगे. उनकी जगह रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव मौजूद होंगे. जापान के प्रधानमंत्री फिमियो किशिदो, कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो, दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुन-येओ, सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथोनी अल्बनीज, यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन, अर्जेंटीना के राष्ट्रपति अल्बर्टो फर्नांडीज समेत सभी राष्ट्राध्यक्ष मौजूद रहेंगे। जी-20 की मेजबानी कर भारत अपना दम दिखा रहा है भारत आ रहे राष्ट्राध्यक्षों का मतलब क्या है, एक और एंगल से समझिए। अगर वल्र्ड जीडीपी के तराजू पर जी-20 की ताकत को नापें तो पता चलेगा कि दुनिया की 80 फीसदी त्रष्ठक्क इन्हीं देशों को मिलाकर बनती है। दुनिया की 60 फीसदी आबादी इन देशों के पास है और 75 फीसदी ग्लोबल ट्रेड पर जी-20 के देशों का कंट्रोल है, जबकि दुनिया के कुल प्रोड्क्शन में जी-20 देशों की हिस्सेदारी 80 फीसदी है। मतलब भारत के लिए ये लम्हा ऐतिहासिक होने वाला है।