प्रयागराज : सनातन संस्कृति और आस्था का सम्मान करने वाली चिरकालिक परंपरा तीर्थयात्रियों और संतों पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की परंपरा महाकुंभ-2025 में भी जारी रहेगी। प्रयागराज मंडल के आयुक्त विजय विश्वास पंत ने बताया कि कुंभ, माघ मेला, कांवड़ यात्रा आदि कई धार्मिक समागमों में इस तरह की पुष्पांजलि अर्पित करना परंपरा बन गई है। उन्होंने कहा, “यह पूजनीय परंपरा महाकुंभ-2025 के दौरान भी जारी रहेगी। श्रद्धालुओं की संख्या में अपेक्षित वृद्धि को देखते हुए संगम नोज से आगे सभी प्रमुख घाटों पर पुष्प वर्षा करने की योजना है। इसके लिए विस्तृत कार्ययोजना पर काम चल रहा है।”
योगी सरकार बनने के बाद से उत्तर प्रदेश में श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा की परंपरा सनातन संस्कृति और आस्था के प्रति श्रद्धा का सशक्त प्रतीक बनकर उभरी है। चाहे कुंभ के दौरान पवित्र स्नान पर्व हो, माघ मेला हो या कांवड़ यात्रा, योगी सरकार ने लगातार श्रद्धालुओं को इस भाव से सम्मानित किया है। 2021 में मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर लाखों श्रद्धालुओं ने इस शानदार भाव को देखा, जिसके कारण सोशल मीडिया पर #PushpVarsha ट्रेंड करने लगा।
अधिकारियों ने बताया कि महाकुंभ-2025 के लिए इस परंपरा को और भी बड़े पैमाने पर आयोजित करने की योजना है, खासकर प्रमुख स्नान पर्वों के दिनों में, ताकि आध्यात्मिक माहौल को और समृद्ध किया जा सके और दुनियाभर के श्रद्धालुओं पर इसकी अमिट छाप छोड़ी जा सके परंपराओं के अनुसार, 12 साल में एक बार होने वाला मेला 13 जनवरी 2025 को पौष पूर्णिमा के स्नान पर्व के साथ शुरू होगा, इसके बाद 14 जनवरी को ‘मकर संक्रांति’ का शाही स्नान और 29 जनवरी को मौनी अमावस्या का स्नान पर्व होगा। ‘बसंत पंचमी’ का स्नान पर्व, जो इस मेले का तीसरा और अंतिम शाही स्नान होगा, 3 फरवरी 2025 को होगा। ‘अचला सप्तमी’ स्नान 4 फरवरी को और ‘माघी पूर्णिमा’ स्नान 12 फरवरी को होगा। महा शिवरात्रि का अंतिम आधिकारिक स्नान पर्व 26 फरवरी को होगा, जो 54 दिवसीय मेगा मेले का समापन होगा।