समय के साथ बदला कृषि कार्य का अंदाज
कोरबा। मौसम विभाग ने संकेत दिए हैं कि वर्ष 2024 में कोरबा सहित छत्तीसगढ़ में मानसून समय पर आ रहा है। बीते वर्ष भी यह घोषणा सच साबित हुई थी। इसी का असर कहना होगा कि जिले में खेतीहर किसानों के द्वारा अपने खेतों में खरीफ सीजन की फसल के लिए तैयारी शुरू कर दी गई है। वहीं सरकारी समितियों में उर्वरक का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध करा लिया गया है।
जिले में एक लाख से ज्यादा किसान खेती-बाड़ी के काम से जुड़े हुए हैं। जबकि मुख्य फसल धान लेने वालों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। पिछले वर्ष 50 हजार 244 किसानों ने अपना पंजीकरण कराया था। जबकि लगभग इतनी ही संख्या सीमांत श्रेणी के होने और अपने इलाके से उपार्जन केंद्रों की दूरी ज्यादा होने के कारण धान बेचने में रूचि नहीं देती है। जानकारी मिली है कि इस वर्ष मानसून के अनुकूल होने के संकेत ने किसानों को सतर्क किया है और वे अभी से मौजूदा सत्र की खेती-बाड़ी को लेकर तैयारी में जुट गए हैं। जिले में खेती का रकबा जिन क्षेत्रों में मौजूद हैं वहां खेतों में गतिविधियां नजर आ रही है। इसमें तकनीकी और श्रमशक्ति दोनों का उपयोग किया जा रहा है। इसके पीछे लोगों के अपने-अपने तर्क हैं लेकिन कुल मिलाकर दोनों ही श्रेणियां इस बात को लेकर गंभीर हैं कि मानसून के आने से पहले तक उनके उत्पादन क्षेत्र में प्राथमिक तैयारियां पूरी हो जाना चाहिए। वैसे भी अंचल की परंपरा के अंतर्गत अक्षय तृतीया को इसका नेग पूरा कर लिया गया है। अच्छी फसल के निमित्त इसे किया जाता है।
पर्याप्त मात्रा में है उर्वरक
कोरबा जिले में कृषि रकबे और किसानों की सुविधा के लिए सहकारी समितियों के स्तर से उर्वरक की उपलब्धता कराई जाएगी। इसके लिए हमारे पास पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध हो गया है। उठाव होना बाकी है। सरकार ने उर्वरक के लिए जो कीमत निर्धारित की है, उसी हिसाब से किसानों को यह सेवा दी जाएगी।
-ए.के.अनंत, उप संचालक कृषि