
पामगढ़ । अस्पतालों में आने वाले मरीजों को सरकारी बाहरी दवा लिखने में सख्त मनाही । है। इसको लेकर स्पष्ट निर्देश भी है व लेकिन इसके बाद भी डॉक्टर इससे 1 बाज नहीं आ रहे हैं। ऐसा ही मामला 5 पामगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सामने आया है। जहां डॉ. राघव मोहन राठौर चिकित्सा अधिकारी (संविदा) प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बारगांव, वर्तमान में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पामगढ़ में पदस्थ हैं, उनके द्वारा अस्पताल में आए मरीजों को अस्पताल में मिलने वाली दवाओं के बजाए बाहरी ब्रांडेड दवा लिखी जा रही थी। इससे गरीब मरीज और परिजनों को जबरन महंगी दवाएं खरीदने के चलते आर्थिक नुकसान पहुंच रहा है। इधर नगर में संचालित एक निजी मेडिकल स्टोर्स से ही दवा खरीदने के लिए मरीजों पर दबाव में बनाने की बात भी सामने आ रही है जिस पर डॉक्टर और संबंधित मेडिकल स्टोर्स के बीच सांठगांठ भी व नजर आ रहा है। उक्त डॉक्टर के – पास मेडिकल स्टोर्स का लेटर पेड वाला पर्ची भी मौजूद था।
संज्ञान में यह मामला आते ही बीएमओ डॉ. सौरभ यादव ने डॉ. राघव मोहन राठौर को मंगलवार को – शोकॉज नोटिस जारी किया है और शासकीय अस्पताल में मरीजों को प्राइवेट दवा लिखने की मिली पर्ची को देखकर नाराज जताई ।बाहरी दवा लिखे जाने पर परेशान कुछ मरीजों ने इसकी मौखिक शिकायत विभागीय अफसरों से की। मरीजों के पास उक्त डॉक्टर के द्वारा लिखी सीएचसी की सरकारी ओपीडी पर्ची भी मौजूद हैं जिसमें उक्त डॉक्टर ने पर्ची के पीछे ब्रांडेड दवा लिखी है। जिसमें थवाईत मेडिकल भी लिखा गया है। इसी तरह कुछ अन्य मरीजों को भी अलग से सादे कागजों में भी पर्ची लिखी गई है जो गंभीर मामला है और जांच का विषय है। बताया जा रहा है कि इस तरह से मरीजों को बाहरी दवा लिखने का खेल लंबे समय से चल रहा है।
नि:शुल्क उपचार नीति का सीधा उल्लंघन
बता दें, सरकारी अस्पताल में आने वाले मरीजों को बाहरी दवा लिखने में सख्त मनाही है। ऐसा करना नि:शुल्क उपचार नीति का सीधा उल्लंघन भी 3 है। सरकारी डॉक्टरों को मरीजों को शासकीय अस्पतालों में मिलने वाली – दवाएं ही लिखने का नियम है। नियम का उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई का प्रावधान है।