जांजगीर चांपा। मध्याह्न भोजन योजना चार माह से उधार के सहारे चल रही है। क्योंकि स्कूलों में खाना पकाने वाली रसोइयों को चार माह से कुकिंग कास्ट और मानदेय कुछ नहीं मिला है। सितंबर माह से आवंटन नहीं आने के कारण काम कर रही महिला स्वसहायता समूह की महिलाएं व रसोइयों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। स्कूलों में बाजार से जैसे-तैसे उधार लेकर बच्चों को खाना खिला रही है। जबकि खुद आर्थिक संकट से जूझ रही है। गौरतलब है कि 6 से 14 साल के स्कूली विद्यार्थियों के लिए संचालित मध्यान्ह भोजन योजना के लिए जरूरी कुकिंग कास्ट व रसोइयों के मानदेय की राशि अंतिम बार बीते अगस्त माह में जारी हुई थी। इसके बाद से राज्य कार्यालय से फंड नहीं मिलने के कारण जिले के 1500 स्कूलों में कार्यरत 2200 से ज्यादा रसोइयों को परिवार चलाने में दिक्कत होने लगी है। रसोइयों ने बताया कि एक तरफ उन्हें महज 1500 रुपए का मानदेय दिया जा रहा था। 60 रुपए औसत की दर से काम करने से पहले भी उनको परिवार चलाने में दिक्कत हो रही थी। अब मानदेय ही नहीं दिया जा रहा है। मिड डे मिल के लिए दिनवार बकायदा मेन्यू तैयार किया गया है, जिसके अनुसार छात्रों को दिया जाना है। एक विद्यार्थी के लिए निर्धारित मात्रा व निर्धारित पौष्टिक तत्व, कैलोरी प्रोटीन प्रदान की जानी है। प्रत्येक विद्यार्थी को 100 ग्राम चावल, 20 ग्राम दाल, हरी सब्जी 50 ग्राम, 05 ग्राम तेल तथा नमक दिया जाना है, जिससे 400 ग्राम कैलोरी, 12 ग्राम प्रोटीन प्राप्त हो। मिडिल स्कूलों के विद्यार्थियों के लिए मात्रा बढ़ाकर 700 ग्राम कैलोरी व 20 ग्राम प्रोटीन मेन्यू के अनुसार दिया जाना है। अब बजट के अभाव में स्कूलों के लिए केवल चावल उपलब्ध हो पा रहा है। बाकी समान संचालन समितियों को बाजार से उधार पर लेना पड़ रहा है। तीन माह से ज्यादा हो जाने के कारण अब तक उधार भी मिलना मुश्किल हो रहा है। तगादा तक सुनना पड़ रहा है। जिले के प्राथमिक स्कूलों में मध्यान्ह भोजन के लिए प्रत्येक छात्र 5 रुपए 40 पैसे की दर से कुकिंग कास्ट प्रति माह जारी किया जाता है। इसी तरह यह राशि मिडिल स्कूल में प्रति छात्र 7 रुपए 40 पैैसा जारी की जाती है। मध्यान्ह भोजन के लिए चावल पीडीएस से मिल जाता है। इसके अलावा कुकिंग पर आने वाले व्यय के लिए राशि जारी की जाती है। कुकिंग कास्ट की राशि से साफ -सफाई, ईंधन, दाल, सब्जी, तेल, नमक व अन्य पर व्यय किए जाते हैं। राज्य कार्यालय से ही आवंटन प्राप्त नहीं हो पाया है। इसलिए हम क्या कर सकते हैं। आवंटन मिलते ही राशि जारी कर दी जाती है। भारती वर्मा, डीईओ जांजगीर-चांपा सितंबर माह से कुकिंग कास्ट और रसोइयों का मानदेय नहीं मिला है। उच्चाधिकारी को अवगत कराने पर वे आवंटन नहीं मिलने का हवाला दे रहे हैं। मध्याह्न भोजन का संचालन करने आर्थिक तंगी से जूझना पड़ रहा है। उधार लेकर संचालन कर रहे हैं पर अब तक उधार देने वाले भी कतरा रहे हैं। संतोषी कौशिक, जिलाध्यक्ष, छग मध्याह्न भोजन कल्याण संघ