सरखों। श्याम कार्तिक महोत्सव की तैयारी ग्रामीणों ने शुरू कर दी है। यहां गांव में भगवान कार्तिकेय की प्रतिमा स्थापित कर 10 दिनों तक धूमधाम से महोत्सव मनाया जाता है। भगवान कार्तिकय की प्रतिमा गांव की पवित्र मिट्टी से बनाई जाती है, यानी ऐसी मिट्टी जहां किसी के पैर नहीं पड़े हो। उस स्थान से मिट्टी ली जाती है और मूर्ति बनती है। इस बार भी मूर्ति बनाने के लिए मातृ नवमी के दिन पूजा-अर्चना कर पवित्र मिट्टी लाकर गाव के मूर्तिकार बलराम साहू को दी गई। इसी मिट्टी से मिलाकर भगवान की प्रतिमा तैयार की जाएगी। इस मौके पर सरपंच लोचन साव, बल्लू, राठौर, अमरीष श्रीवास, संतोष यादव, आचार्य गौतम पाठक, वासु राठौर, राजेंद्र साहु, रामकुमार यादव, नंदकिशोर यादव, पुष्कर साहू, बीरेंद्र राठौर, उत्तर साहू, किशोर साव, इलू राठौर, सुरेश बरेठ, देवी राठौर, शरद साव, बुधराम राठौर, बलराम राठौर, भीषम राठौर, गोपाल राठौर, संजय अग्रवाल, मुकेश साहू, रामकुमार विश्वकर्मा, गोपाल राठौर समेत ग्रामीण बड़ी संख्या में मौजूद रहे।
गांव के बुजुर्ग बताते हैं कि गांव में श्याम कार्तिक महोत्सव मनाने की परंपरा 1962 से चली आ रही है। सदियों से जमीदार स्व. लाल अमीर सिंह के द्वारा नवरात्रि पर्व में नवरत्ती भगवान शंकर-पार्वती की पूजा कर मनाया जाता रहा है। सर्वप्रथम नैययापारा के महतो गुड़ी चौक में यह आयोजन संपन्न हुआ। इसके बाद अनवरत रूप से चलती आ रही है। इसको लेकर आयोजन समिति की ओर से बैठकों का दौर चालू हो गया है। श्याम कार्तिक महोत्सव की स्थापना की जाएगी। इसके बाद 9 दिनों तक गांव में श्याम कार्तिक महोत्सव की धूम रहेगी। जिसमें दूर- दराज से हजारों की संख्या में लोग सरखों की पावन धरा पर मल्या टेकने के लिए पहुंचते हैं। इस दौरान प्रतिदिन आयोजन स्थल पर जसगीत, मानस गायन, जगराता भजन-कीर्तन का आयोजन रात में किया जाता है। इसके अलावा अंतिम दिन यहां और भी अधिक भव्य रुप से आयोजन होते हैं। गाव के लगभग सभी मोहल्लों में लीला. सांस्कृतिक कार्यक्रम नाचा-गम्मत होता है।